उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनावों से पहले एक बार फिर सपा में चाचा-भतीजे की तल्खी देखने को मिल रही है।  पार्टी और चुनाव चिन्ह पर कब्जे को लेकर मचा घमासान अखिलेश के अध्यक्ष बनते ही ख़त्म होता नजर आ रहा था।  अखिलेश ने शिवपाल को टिकट देकर इस संभावना को बल भी दिया था।  लेकिन आज नामांकन के लिए पहुंचे शिवपाल सिंह यादव द्वारा अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए दिया गया बयान एक बार फिर विवाद को बढ़ावा दे सकता है।

शिवपाल यादव ने इटावा में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए अखिलेश को सरकार बनाकर दिखाने की चुनौती दी है।  साथ ही साथ 11 मार्च के बाद नई पार्टी बनाने का ऐलान भी कर दिया है।  अपने संबोधन के दौरान भावुक हुए शिवपाल ने कहा कि नेताजी का सम्मान करो चाहे मेरा सब ले लो मुझे चुनाव न लड़ने दो,मै नेताजी के साथ था और मरते दम तक रहूँगा।  शिवपाल यहीं नहीं रुके और इशारों ही इशारों में अखिलेश पर निशाना साधते हुए कहा कि जिनका वजूद नेताजी की वजह से है वो आज उन्हें ही अपमानित कर रहे हैं।

कांग्रेस पर बोलते हुए शिवपाल ने कहा कि जिस पार्टी की हैसियत पांच सीटें जीतनें की नहीं थी उसे 105 सीटें दे दी गई।  इससे हमारे कार्यकर्ता निराश हैं और सपा को इसका नुकसान उठाना पड़ सकता है।  उन्होंने अपने प्रचार कार्यक्रम के बारे में बात करते हुए कहा कि मुलायम समर्थकों के लिए 19 फ़रवरी से प्रचार करेंगे।

गौरतलब है की काफी लम्बे चले घमासान के बाद समाजवादी पार्टी और चुनाव चिन्ह दोनों पर अखिलेश का कब्ज़ा हो गया था।  मुलायम खेमे के शिवपाल उसके बाद से अब तक ख़ामोश नजर आ रहे थे।  लेकिन आज परचा दाख़िल करने पहुंचे शिवपाल ने अप्रत्यक्ष तौर से अखिलेश-रामगोपाल और कांग्रेस-सपा गठबंधन  पर जम कर निशाना साधा।  मुलायम सिंह यादव पहले ही गठबंधन के विरोध में हैं और प्रचार करने से मना कर चुके हैं।  बहरहाल अंजाम जो भी हो लेकिन शिवपाल के बयान से तो यही लगता है की वो हार मानने वालों में से नहीं हैं और आने वाले वक़्त में वो एक बार फिर अखिलेश का विरोध करते नज़र आ सकते हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here