मुबंई में चल रही बीएमसी की राजनीतिक नैय्या अब पार लग गई हैं। बीएमसी की सियासत पर कब्जा जमाने के लिए पिछले 10 दिन से चल रही जंग में आखिरकार बीजेपी ने शिवसेना के सामने अचानक हथियार डाल दिए। शनिवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने ऐलान किया कि बीजेपी महापौर पद के लिए अपना कोई उम्मीदवार खड़ा नहीं करेगी। महाराष्ट्रा में बीजेपी का रंग ऐसा बदला कि उन्होंने महापौर के पद के चुनाव में शिवसेना को बिना मांगे समर्थन देने की भी घोषणा कर डाली। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने प्रेस कांफ्रेंस करके मीडिया को इस बात की जानकारी दी।

महाराष्ट्र सीएम के कुछ बड़े ऐलान:

1- बीजेपी 8 मार्च को होने वाले मेयर पद के चुनाव में नहीं लड़ेगी।

2- बीजेपी उप महापौर का चुनाव भी नहीं लड़ेगी।

3- स्थायी, सुधार, शिक्षा और बेस्ट समिति के अध्यक्ष पद के लिए भी चुनाव नहीं लड़ेगी।

4- महापौर पद के चुनाव में बीजेपी शिवसेना के अलावा किसी और का समर्थन नहीं करेगी।

वहीं मुख्यमंत्री ने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि बीजेपी के इस फैसले का मतलब समर्पण नहीं समझना चाहिए। इस मुद्दे का मेरी सरकार से कोई लेना-देना नही है। शुक्रवार को शिवसेना के मंत्रियों ने कैबिनेट की बैठक में भाग लिया और हम अनेक मुद्दों पर सहमत थे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मुंबई की जनता ने बेजीपी को भरपूर वोट देकर पारदर्शिता के हमारे एजेंडे पर भरोसा जताया है, लेकिन हम अपने दम पर महापौर बनाने के लिए संख्या नहीं पा सके। ऐसे में बाहरी समर्थन लेकर मेयर बनाने का मतलब होता कि पारदर्शिता के मामले में समझौता कर लिया गया।

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