मुस्लिमों के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की छवि हमेशा से ही नकारात्मक रही है। ऐसे में आरएसएस मुस्लिमों से सामाजिक मुद्दों पर बात करके उनका भ्रम दूर करना चाहता है ताकि आपसी टकराव से मुक्ति मिल सके। खबरों के मुताबिक आरएसएस से जुड़ा संगठन मुस्लिम राष्ट्रीय मंच इसकी पहल करेगा। ऐसे में तीन तलाक, गोरक्षा, अयोध्या विवाद जैसे ज्वलंत मुद्दों पर मुस्लिमों में पैदा हो रहे भ्रम और डर को मुस्लिम राष्ट्रीय मंच दूर करेगा। इसके लिए उलेमाओं, बुद्धिजीवियों, धर्मगुरुओं, सामाजिक संगठनों, विश्वविद्यालयों के पूर्व वीसी, कानूनविदों का एक समूह  बड़े-बड़े सेमिनार करेगा। सेमिनार में युवाओं को खास महत्व दिया जाएगा। साथ ही मुस्लिमों द्वारा पूछ गए सभी प्रश्नों का उत्तर भी दिया जाएगा।

आरएसएस और मुस्लिम राष्ट्रीय मंच का कहना है कि तीन तलाक के खिलाफ केंद्र सरकार के विधेयक पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड, दारुल उलूम देवबंद समेत अन्य मुस्लिम संगठन टकराव की राह पर हैं जबकि सरकार जो भी कदम उस दिशा में उठा रही है, वह कानून के आधार पर है। मंच का कहना है कि सरकार मुस्लिम समाज के साथ है और जो भी कानून बनाएगी वो महिलाओं की सुरक्षा और पुरूषों के अधिकारों को देखकर बनाएगी।

वहीं गोरक्षा को लेकर हो रहे विवाद को भी मंच सुलझाने की कोशिश करेगा। मंच का मानना है कि गोरक्षा के नाम पर होने वाले विवाद में नुकसान आखिरकार मुसलमान का ही होता है। इसलिए उनको गोरक्षा को लेकर होने वाली बदनामी, गोरक्षा के बारे में कानून तथा सरकार की मंशा बिल्कुल साफ करने का प्लान है। इसके साथ ही अयोध्या में मंदिर और मस्जिद विवाद को लेकर हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदायों में पैदा हो रहे अविश्वास को दूर करने की कोशिश की जाएगी। खबरों के मुताबिक कश्मीर मुद्दे पर भी मुस्लिम राष्ट्रीय मंच कई बहस समारोह आयोजित करेगा।

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