जहां एक तरफ ‘बिटकॉइन‘ और ‘लाइटकॉइन’ जैसी वर्चुअल करंसी  कई देशों में परवान चढ़ चुकी है। वहीं   इनके नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा चल रहा है। इस फर्जीवाड़े का खुलासा दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच टीम ने किया है। बता दें कि वर्चुअल करंसी के नाम पर भी फेक करंसी चलने लगी है। फेमस वर्चुअल करंसी से मिलते-जुलते नामों से कई फर्जी करंसी चल रही है। उनके सहारे करोड़ों का फ्रॉड हो रहा है। जिस पर दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने सख्त कार्रवाई की है।

‘कैशकॉइन’ नाम से वर्चुअल करंसी चलाकर करोड़ों की ठगी के आरोप में सोनीपत के एक युवक को गिरफ्तार किया गया है। क्राइम ब्रांच का दावा है कि कैशकॉइन के नाम पर लगभग 50 करोड़ की ठगी हो चुकी है। फिलहाल इस रैकेट का एक सिरा हाथ आया है, अन्य आरोपियों की तलाश की जा रही है।  आशंका है कि इस तरह के मिलते-जुलते नामों से इंटरनेट पर वर्चुअल करंसी के नाम पर फ्रॉड कंपनियां ऐक्टिव हैं, इसलिए लोगों को सावधान रहने की जरुरत है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, कैशकॉइन के नाम पर अरुण चौहान नाम  के एक युवक से 25 लाख रुपये ठग लिए गए। उन्होंने पुलिस को शिकायत दी। मामले की गंभीरता को देखते हुए इस केस को क्राइम ब्रांच को ट्रांसफर कर दिया गया। तफ्तीश के चलते डीसीपी भीष्म सिंह की टीम ने सोनीपत के तहसील खरखौदा निवासी नरेंद्र उर्फ सोनू दहिया (33) को अरेस्ट कर लिया।

उससे पूछताछ में पूरे रैकेट का खुलासा हुआ। इन लोगों ने पहले बिटकॉइन जैसी एक वर्चुअल करंसी ‘कैशकॉइन’ को डिजाइन किया। उसके नाम से इंटरनेट पर वेबसाइट बनाई। उसके बाद सोशल मीडिया के सहारे लोगों को इन्वेस्टमेंट का लालच देने लगे। ये लोग कैशकॉइन खरीदने पर इनवेस्ट की गई कुल रकम पर पांच साल तक हर महीने 10 प्रतिशत का ब्याज देने का लालच देते थे। इस प्रलोभन में बहुत सारे लोग कैशकॉइन खरीदने के लिए आरोपियों के अकाउंट्स में लाखों रुपये जमा कराते गए।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here