मेघालय में खदान के अंदर पिछले 15 दिनों से फंसे मजदूरों को बचाने के लिए अब पंप बनाने वाली दिग्गज कंपनी किर्लोस्कर ब्रदर्स लिमिटेड ने मदद की पेशकश की है। कंपनी ने खदान से पानी निकालने में जरूरी उपकरण उपलब्ध कराने को कहा है।

खदान से पानी निकालने का काम शनिवार को रोक दिया गया था क्योंकि खदान में पानी का स्तर कम होता नहीं दिख रहा था। एनडीआरएफ के सहायक कमांडेंट एस के सिंह ने बताया कि जिला प्रशासन ने राज्य सरकार को उच्च शक्ति वाले पंप की मांग करते हुए चिट्ठी लिखी है क्योंकि इस काम के लिए 25 हॉर्स पॉवर के पंप काफी साबित नहीं हो पा रहे थे।

राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) ने गुरुवार को मीडिया की उन खबरों का खंडन किया जिसमें यह कहा गया था कि खदान में फंसे मजदूरों की मौत हो जाने का संदेह है क्योंकि एनडीआरएफ के गोताखोर जब खदान में उतरे थे उन्होंने दुर्गंध महसूस की थी।

यहां बचाव अभियान चला रहे गुवाहाटी की एनडीआरएफ बटालियन ने एक बयान में कहा कि सहायक कमांडेंट संतोष कुमार सिंह के दुर्गंध वाले बयान को मीडिया ने गलत तरीके से लिया। अपने बयान में उन्होंने दुर्गंध का इस्तेमाल ठहरे हुए पानी के संबंध में किया था।

गुवाहाटी की एनडीआरएफ बटालियन के कमांडेंट एस के शास्त्री ने कहा, ‘खदान से पंप के जरिए पानी बाहर निकालने की प्रक्रिया पिछले 48 घंटों से रूकी हुई है। गोताखोरों ने जो दुर्गंध पानी में महसूस की, वह ठहरे हुए पानी की हो सकती है।

इसी बयान को अखबारों ने गलत तरह से उठाते हुए यह बताया कि श्रमिकों के मृत होने की आशंका है।’ इसी बीच सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री कोनराड के संगमा ने केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में इस घटना के संबंध में मुलाकात की है।

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