एक तरफ जहां पूरे विश्व में बिटक्वाइन अपने पैर तेजी से पसार रहा है वहीं दूसरी तरफ भारतीय रिजर्व बैंक ने इससे दूरी बनाने के लिए आगाह किया है। बुधवार के सत्र में वर्चुअल करेंसी बिटकॉइन ने 12000 डॉलर का रिकॉर्ड हाई छुआ है। इस वर्चुअल करंसी में यह तेजी बीते शुक्रवार को अमेरिकी डेरिवेटिव्स के नियामक की घोषणा के बाद देखने को मिली है। इसी के मद्देनजर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने एक बार फिर जनता को बिटकॉइन के जोखिमों के प्रति चेताया है। बता दें कि  वर्चुअल करेंसी बिटक्वाइन के नई ऊंचाई पर पहुंचने से इसको लेकर निवेशकों का आकर्षण बढ़ रहा है।

इससे पहले भी आरबीआई ने बिटक्वाइन के प्रति भारतीयों को आगाह किया था। उन्होंने भारतीय निवेशकों को इससे होने वाली हानियों के बारे में भी बताया था और कहा था कि भारत ने अभी इसको मान्यता नहीं दी है। एक बिटकॉइन का दाम पिछले सप्ताह 11,000 डॉलर के ऊंचे स्तर पर पहुंच गया, जिसने सबको हैरान कर दिया था। भारत सहित दुनियाभर के निवेशक लगातार इसकी ओर आकर्षित हो रहे हैं। इसी के मद्देनजर रिजर्व बैंक ने कहा, ‘वर्चुअल करेंसी की वैल्यू में आई अप्रत्याशित उछाल और इनिशियल कॉइन ऑफरिंग (ICO) में हुई वृद्धि को देखते हुए रिजर्व बैंक अपनी चिंता जाहिर करता है।

क्या है बिटक्वाइन?

क्रिप्टोकरेंसी को ई-मुद्रा भी कह सकते हैं। अर्थात् इस करेंसी का इस्तेमाल कम्प्यूटर द्वारा आदान-प्रदान में होगा। इस करेंसी का जो मूलतः रूप होता है, उसे बिटक्वाइन कहा जाता है। जैसे अमेरिका में करेंसी डॉलर चलती है, भारत में रूपया चलती है, ठीक उसी प्रकार इस करेंसी का आदान-प्रदान ‘बिटक्वाइन’ में होता है। अभी सिर्फ बिटक्वॉइन ही है जिसको मानक बनाकर लोग इसका इस्तेमाल डिजिटली पैमेंट के लिए कर रहे हैं। इसके इस्तेमाल और भुगतान के लिये क्रिप्टोग्राफी का इस्तेमाल किया जाता है। इसलिए इसे क्रिप्टोकरेंसी कहा जाता है। क्रिप्टोकरंसी को दुनिया के किसी भी कोने में आसानी से ट्रांसफर किया जा सकता है और किसी भी प्रकार की करसी में कनवर्ट किया जा सकता है जैसे डॉलर, यूरो और रुपया आदि।  इसीलिए हर एक बिटक्वॉइन का दाम डॉलर में अलग, यूरो में अलग और रूपयों में अलग होता है। एक तरह से हम कह सकते हैं कि जैसे सोने को पूरे विश्व में एक आर्थिक मानक के रूप मे अपनाया जाता है। ठीक उसी तरह की पहल इस बिटक्वॉइन के साथ किया जा रहा है। बिटक्वॉइन अभी पूरे विश्व में नहीं फैला है लेकिन ये बड़े तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। भारतीय बैंक इसको समझने में लगे हैं।

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