आजकल खबरों का ऐसा मायाजाल चल रहा है कि आरबीआई जैसे संस्थानों को अपना स्पष्टीकरण देना पड़ जाता है। जी हां, रिजर्व बैंक ने अब साफ तौर पर कहा है कि बैंक अकाउंट्स को आधार कार्ड से लिंक करना प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग कानून के तहत अनिवार्य है। इससे पहले मीडिया में खबर चल रही थी कि बैंक खाते को आधार से जोड़ना अनिवार्य नहीं है। यह खबर कोई फर्जी नहीं बल्कि एक आरटीआई के जवाब के आधार पर लिखी जा रही थी। दरअसल, मीडिया रिपोर्टों में आरटीआई कानून के तहत प्राप्त जवाब का हवाला देकर कहा गया था कि भारतीय रिजर्व बैंक ने लोगों के बैंक खातों को उनके आधार से अनिवार्य तौर पर जोड़ने का कोई आदेश नहीं दिया है।

मनीलाइफडॉटइन के तहत फाइल की गई आरटीआई का जवाब देते हुए आरबीआई के बारे में ये अफवाह फैली थी। आरबीआई ने कहा  कि ये नियम सांविधिक हैं और ऐसे में बैंकों को बिना कोई अन्य निर्देश की प्रतीक्षा किए इस पर अमल करना है। उसने यह भी कहा कि बैंक खातों को 12 नंबर के आधार नंबर से जोड़ने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर तक है।

बता दें कि सरकार की सबसे बड़ी महत्वाकांक्षी परियोजना आधार कार्यक्रम विश्व का सबसे बड़ा बॉयोमेट्रिक पहचान पत्र प्रोग्राम है, जो हर नागरिक की गोपनीयता बनाये रखने का दावा करता है।  इसके साथ ही, इसे नागरिकों की राष्ट्रीय पहचान के रूप में भी एक महत्वपूर्ण डिजिटल दस्तावेज माना जा रहा है। सरकार ने बैंक खातों को खोलने और 50 हजार रुपये या इससे अधिक के लेन-देन के लिए इस साल जून में आधार को अनिवार्य कर दिया था।

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