राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (RSS) की सोच में काफी परिवर्तन आता दिखाई दे रहा है। दरअसल, दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित “भविष्य का भारत” कार्यक्रम के जरिए संघ की ये कोशिश है कि उसकी कार्यशैली को लेकर वक्त-वक्त पर जो सवाल उठते रहे हैं। उस पर लोगों की सोच को बदला जाए। अब तक कट्टर हिंदुत्व की छवि से घिरा रहने वाला संघ, लोगों को संदेश देना चाहता है कि वो कोई राजनैतिक संगठन नहीं, बल्कि सामाजिक संगठन है जिसका मूल उद्देश्य है राष्ट्र की सेवा। जो वो पिछले कई वर्षों से करता आ रहा है।

संघ प्रमुख मोहन भागवत ने कार्यक्रम में संबोधन के दौरान जहां आजादी की लड़ाई में कांग्रेस के योगदान को अहम माना, वहीं कई विभूतियों के नाम भी गिना दिए। इतना ही नहीं वामपंथी विचारधारा से मेल ना खाने वाला संघ, वामपंथी विचारधारा के नेताओं का जिक्र करना भी नहीं भूला। इसके साथ ही संघ की ओर से हिंदुत्व का मतलब भी समझाने का प्रयास किया गया कि उनके हिदुत्व में सभी धर्मों के लोग शामिल हैं, क्योंकि हिंदू धर्म नहीं, एक संस्कृति है।

ऐसे में सवाल इस बात को लेकर उठ रहे हैं कि पिछले कुछ वक्त से संघ राजनैतिक दलों के निशाने पर है खासतौर पर कांग्रेस पार्टी के। जिसके मुखिया राहुल गांधी ने संघ की तुलना आतंकी संगठन ISIS और मुस्लिम ब्रदरहुड से की थी। तो क्या संघ अब अपनी सोच में परिवर्तन कर रहा है। अब तक कट्टर हिंदू संगठन माना जाने वाला संघ क्या अपनी विचारधारा में बदलाव कर रहा है और सबसे महत्वपूर्ण, क्या मुसलमानों को लेकर संघ की सोच अब बदल चुकी है।

एपीएन ब्यूरो  

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