हाल के दिनों से भारतीय रेलवे में हमें कुछ बड़े और अहम बदलाव देखने को मिल रहे हैं। इसकी बड़ी वजह रेलवे की खराब स्थिति के कारण रेल मंत्री सुरेश प्रभु को पीएम मोदी द्वारा दी गई हिदायत को माना जा रहा है। एक न्यूज़ एजेंसी को सूत्रों के हवाले से ख़बर मिली है कि ऑनलाइन टिकट बुकिंग की सुविधा को सरल बनाने के बाद अब रेल मंत्रालय पैसेंजर ट्रेनों से एसी-2 के डिब्बों को हटाने की तैयारी कर रहा है। रेलवे के सूत्रों के मुताबिक अब ट्रेनों से धीरे-धीरे एसी-2 के कोचों को कम किया जाएगा और कुछ वक्त बाद इसे बिल्कुल हटा दिया जाएगा। एसी-2 कोच की जगह ट्रेनों में एसी-3 के कोचों की संख्या बढ़ाई जाएगी।

जानकारी के अनुसार रेलवे ने यह कदम यात्रियों के एसी-3 कोच की तरफ बढ़ रहे झुकाव की वजह से उठाया है। रेलवे ने तर्क दिया है कि यात्री एसी-3 में सीट नहीं होने के बाद ही एसी-2 में टिकट बुक कराते है जिससे एसी-3 में भीड़ बढ़ जाती है जबकि एसी-2 में कई बार सीटें खाली भी रह जाती हैं। दूसरी तरफ रेलवे ने यह भी कहा कि स्लीपर कोच में सफर करने वालें यात्रियों में भी 30-40% यात्री अब एसी-3 की टिकट बुक कराना ज्यादा पसंद करते है।

रेलवे के सूत्रों ने न्यूज़ एजेंसी को बताया कि AC-3 के कोच से परिचालन लागत निकल रही है। जो पैसेंजर ट्रेनें पूरी तरह से AC-3 हैं, उनसे रेलवे को लाभ भी हो रहा है। लिहाजा, रेलवे की अब कोशिश रहेगी कि ट्रेनों में नॉन-एसी स्लीपर कोच भी कम करें और उनकी जगह AC-3 के डिब्बे बढ़ाएं जाएं। रेलवे ने बताया कि इससे स्लीपर कोच से और भी लोग एसी-3 में आएंगे और एसी-2 के मुकाबले में 26% अधिक यात्री एसी-3 में सफर करना पसंद करेंगे। इससे रेलवे को ज्यादा मुनाफा होगा।

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