केंद्र सरकार द्वारा गायों को बेचने और खरीदने पर रोक लगाने के फैसले का केरल में यूथ कांग्रेस समेत कई अन्य लोगों ने विरोध किया है। विरोधकर्ताओं ने सार्वजनिक रूप से एक जानवर का वध करते हुए जमकर नारेबाजी की। ऐसा करने से इस मामले ने तूल पकड़ लिया है। विरोध प्रदर्शन के लिए कांग्रेस द्वारा अपनाये गए ऐसे तरीके के खिलाफ गुस्से का माहौल है।
इसी को देखते हुए कांग्रेस पार्टी के उपाध्यक्ष राहुल गांधी की प्रतिक्रिया सामने आई है। राहुल गांधी ने मामले पर बोलते हुए कहा कि, केरल में जो भी हुआ वह क्रूर था, मैं या मेरी पार्टी ऐसे किसी भी चीज़ को बर्दाश्त नहीं करेंगे। मैं कड़े शब्दों में इस घटना की आलोचना करता हूं। पार्टी उपाध्यक्ष की इस प्रतिक्रिया के बाद पार्टी ने अपने दो कार्यकर्ताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। इधर केरल पुलिस ने भी सरेआम कथित तौर से गोहत्या करने के मामले में कुछ कार्यकर्ताओं के खिलाफ केस दर्ज किया है।
केंद्र सरकार ने बूचड़खानों को जानवरों को मारने के मकसद से खरीदने और बेचने के चलते बैन लगाने के साथ नोटफिकेशन भी भेजा था। इतना ही नहीं, 26 मई को केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन ने मोदी सरकार के फैसले के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि नए नियम का मकसद एनिमल मार्केट और मवेशियों की बिक्री को कंट्रोल करना है। जिसका केरल में जमकर विरोध हो रहा है। हैदराबाद में आल इंडिया जमीयत-उल-कुरेश के वाइस प्रेसिडेंट मो. सलीम का कहना है कि किसान केवल अपने उन मवेशियों को बेचता है, जो उनके काम के नहीं होते। साथ ही किसान उन मवेशियों को बेचकर नए जानवर खरीदता है। वहीं, मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा, यह सही नहीं है कि सरकार लोगों के खाने की चीजें भी तय कर रही है। इस फैसले के साथ सरकार उस सेक्टर को तबाह कर रही है, जो हजारों लोगों को रोजगार देता है। उन्होंने यह भी कहा कि लोगों को क्या खाना चाहिए और क्या नहीं यह दिल्ली और नागपुर से तय नहीं होना चाहिए।
बैन पर कुछ लोगों का कहना है कि, मोदी सरकार शुरू से ही संवैधानिक अधिकारों को छीन रही है और यह बैन इस बात का ताजा उदाहरण है। बता दें कि विरोध कर रहे लोगों का जानवर को सरेआम काटने का वीडियो केरल बीजेपी के अध्यक्ष के राजशेखरन ने ट्विटर पर पोस्ट किया था और लिखा कि ये ‘क्रूरता का चरम’ है।