2019 लोकसभा चुनाव को लेकर बन रहे विपक्ष के महागठबंधन को फिर झटका लगा है। कोलकाता में 19 जनवरी को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की विपक्षी दलों के साथ रैली होने वाली है। लेकिन इस रैली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी शामिल नहीं होगे। वह अपनी जगह पार्टी का प्रतिनिधित्व करने के लिए वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे को भेजेंगे।
बता दें बनर्जी ने इस रैली में आने के लिए यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी को भी आमंत्रण भेजा था। जिससे विपक्षी एकता की ताकत और भी मजबूती के साथ दिखाई दे। लेकिन एक महीने तक बनर्जी को इंतजार करवाने के बाद उन्होंने भी आमंत्रण को अस्वीकार कर दिया है।
सूत्रों के मुताबिक सोनिया और राहुल गांधी ने रैली में शामिल न होने का फैसला इसलिए लिया है क्योंकि पश्चिम बंगाल कांग्रेस यूनिट बनर्जी के साथ वरिष्ठ नेताओं के मंच साझा करने के पक्ष में नहीं है। बताया जा रहा है कि राज्य की कांग्रेस यूनिट का कहना है कि वह आने वाले लोकसभा चुनावों को अकेला लड़ने के लिए तैयार हैं और उन्होंने ही राहुल गांधी को रैली में शामिल न होने का सुझाव दिया है।
वही बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी इस आमंत्रण के बाद कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है। जबकि तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के रैली में शामिल होने को लेकर भी सवाल असमंजस बना हुआ है। सूत्रों का कहना है कि राव ने फैसला लिया है कि वह रैली में शामिल नहीं होंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि वह राहुल गांधी के साथ मंच साझा नहीं करना चाहते।
वहीं वामपंथी दल ने भी टीएमसी की विपक्षी दलों की रैली में शामिल न होने का फैसला लिया है। बता दें ममता दावा कर चुकी हैं कि उनकी इस रैली में गैर भाजपा दलों की भागीदारी कश्मीर से कन्याकुमारी तक दिखाई देगी। बनर्जी का ये भी कहना है कि पूर्वी क्षेत्र में बीते चार दशकों में यह सबसे बड़ी पब्लिक मीटिंग होगी।
टीएमसी ने रैली में शामिल होने के लिए कई विपक्षी दलों को निमंत्रण भेजा था। जिसमें एचडी देवेगौड़ा, कुमारस्वामी, अरविंद केजरीवाल, अखिलेश यादव, तेजस्वी यादव, शरद पवार, बदरुद्दीन अजमल, एमके स्टालिन, अरुण शौरी, चंद्रबाबू नायडू, अजित सिंह, जयंत चौधरी, फारुख अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला, शत्रुघ्न सिन्हा, बाबूलाल मरांडी, यशवंत सिन्हा, हार्दिक पटेल, जिग्नेश मेवाणी शामिल है।