कर्नाटक में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन की सरकार बनने पर जनता दल (सेक्युलर) नेता एचडी कुमारस्वामी के सीएम पद के शपथ ग्रहण समारोह में शिरकत करने वाले नेताओं के खर्च के बारे में सुनकर किसी के भी पैरों तले से जमीन खिसक सकती है। इस शपथ समारोह में जनता के पैसो को पानी की तरह बहाया गया है। यहां तक ‘आम आदमी’ के अरविंद केजरीवाल का बिल लगभग 2 लाख रुपये पहुंच गया। यह खुलासा एक आरटीआई के तहत हुआ है।

आपको बता दें कि इस शपथ समारोह में महागठबंधन की झलक देखने को मिली थी। सभी विपक्ष दल ममता बनर्जी से लेकर मायावती, अखिलेश यादव और आम आदमी पार्टी के सीएम अरविंद केजरीवाल तक कुमारस्वामी के शपथ ग्रहण समारोह में पहुंचे थे।

रिपोर्ट्स से पता चला है कि कर्नाटक सरकार ने  42 लाख रुपये सात मिनट के शपथग्रहण समारोह पर खर्च किए थे। अरविंद केजरीवाल ने ताज वेस्ट एंड में 23 मई को सुबह 9:49 बजे चेक इन किया और 24 मई को सुबह 5:34 बजे चेकआउट किया। जिस दिन वह पहुंचे उस दिन रात को इन-रूम डाइनिंग, खाने-पीने के 71,025 रुपये और बेवरेज के 5000 रुपये का बिल बनाया गया।

एक अखबार के दस्तावेजों के मुताबिक इससे पहले 13 मई 2013 को सिद्धारमैया और 17 मई, 2018 को बीएस येदियुरप्पा के शपथग्रहण के दौरान सरकार के हॉस्पिटैलिटी संगठन ने मेहमानों के रुकने का खर्च नहीं उठाया था। कुमारस्वामी के शपथग्रहण में 42 बड़े नेताओं को आमंत्रित किया गया था। सबसे ज्यादा खर्च 8,72,485 रुपये आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू पर किया गया।

मेहमानों के ऊपर इस तरह खर्च किए जाने को लेकर राज्य सरकार की पूर्व लोकायुक्त जस्टिस संतोष हेगड़े ने तीखी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि सरकार को ऐसी बर्बादी की इजाजत नहीं देनी चाहिए थे। उन्होंने कहा कि सरकार कहती है कि विकास कार्यों के लिए उसके पास पैसे नहीं हैं। यह राजनीतिक दल की जिम्मेदारी है कि वह खर्च उठाए।

उधर, केजरीवाल के बचाव में आप के कर्नाटक संयोजक पृथ्वी रेड्डी ने कहा कि राज्य सरकार को पैसे चुकाने की जरूरत नहीं थी। उन्होंने कहा कि जिस पार्टी ने उन्हें आमंत्रित किया था उसे यह उसकी जिम्मेदारी थी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार करदाताओं की रखवाली है और उसे बर्बादी नहीं होने देनी चाहिए।

उधर, भारतीय जनता पार्टी ने कहा है कि इसे देवगौड़ा तीसरे मोर्चे के नेता बनने के मौके के रूप में देख रहे थे। पार्टी के प्रवक्ता अश्वथ नारायण ने कहा कि 42 लाख रुपये जेडीएस के खाते से वसूल करने चाहिए।

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