स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति मुर्मू का देश के नाम संबोधन, कहा-“भाई-चारे की भावना के साथ बढ़ें आगे, भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र”

President Droupadi Murmu: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 77वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर सोमवार को राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि यह दिन...

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President Droupadi Murmu Addresses Nation
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President Droupadi Murmu: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 77वें स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर सोमवार को राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि यह दिन हम सब के लिए गौरवपूर्ण और पावन है। उन्होंने कहा, “चारों ओर उत्सव का वातावरण देखकर मुझे बहुत प्रसन्नता हो रही है।” राष्ट्रपति ने कहा, “स्वतंत्रता दिवस हमें यह याद दिलाता है कि हम केवल एक व्यक्ति ही नहीं हैं, बल्कि हम एक ऐसे महान जन-समुदाय का हिस्सा हैं जो अपनी तरह का सबसे बड़ा और जीवंत समुदाय है। यह विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र के नागरिकों का समुदाय है।”

राष्ट्रपति मुर्मु ने आगे कहा कि जाति, पंथ, भाषा और क्षेत्र के अलावा, हमारी अपने परिवार और कार्य-क्षेत्र से जुड़ी पहचान भी होती है। लेकिन हमारी एक पहचान ऐसी है जो इन सबसे ऊपर है, और हमारी वह पहचान है, भारत का नागरिक होना। उन्होंने कहा कि गांधीजी तथा अन्य महानायकों ने भारत की आत्मा को फिर से जगाया और हमारी महान सभ्यता के मूल्यों का जन-जन में संचार किया।

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President Droupadi Murmu (File Photo)

President Droupadi Murmu: हम सभी इस महान देश के नागरिक

राष्ट्रति ने अपने संबोधन में बताया कि हम सभी, समान रूप से, इस महान देश के नागरिक हैं। हम सब को समान अवसर और अधिकार उपलब्ध हैं तथा हमारे कर्तव्य भी समान हैं। गांधीजी तथा अन्य महानायकों ने भारत की आत्मा को फिर से जगाया और हमारी महान सभ्यता के मूल्यों का जन-जन में संचार किया। 

उन्होंने कहा, ‘गांधीजी तथा अन्य महानायकों ने भारत की आत्मा को फिर से जगाया और हमारी महान सभ्यता के मूल्यों का जन-जन में संचार किया। सरोजिनी नायडू, अम्मू स्वामीनाथन, रमा देवी, अरुणा आसफ़ अली और सुचेता कृपलानी जैसी अनेक महिला विभूतियों ने अपने बाद की सभी पीढ़ियों की महिलाओं के लिए आत्म-विश्वास के साथ, देश तथा समाज की सेवा करने के प्रेरक आदर्श प्रस्तुत किए हैं।’

सद्भाव और भाई-चारे की भावना के साथ आगे बढ़ें- राष्ट्रपति

राष्ट्रपति ने कहा कि हमारा संविधान हमारा मार्गदर्शक दस्तावेज है। संविधान की प्रस्तावना में हमारे स्वाधीनता संग्राम के आदर्श समाहित हैं। आइए, हम अपने राष्ट्र निर्माताओं के सपनों को साकार करने के लिए सद्भाव और भाई-चारे की भावना के साथ आगे बढ़ें।

President Droupadi Murmu: चंद्रयान- 3 का किया जिक्र

राष्ट्रपति ने कहा कि मैं एक शिक्षक रही हूं, इस नाते भी मैंने यह समझा है कि शिक्षा, सामाजिक सशक्तीकरण का सबसे प्रभावी माध्यम है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन नई ऊंचाइयों को छू रहा है और उत्कृष्टता के नए आयाम स्थापित कर रहा है। ISRO ने चंद्रयान- 3 लॉन्च किया है, जो चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश कर चुका है। चंद्रमा का अभियान अन्तरिक्ष के हमारे भावी कार्यक्रमों के लिए केवल एक सीढ़ी है। हमें बहुत आगे जाना है।

देश सेवा के हर क्षेत्र में बड़ा योगदान दे रही महिलाएं- राष्ट्रपति

राष्ट्रपति ने कहा, “आज महिलाएं विकास और देश सेवा के हर क्षेत्र में बड़ा योगदान दे रही हैं। राष्ट्र का गौरव बढ़ा है। आज महिलाओं ने ऐसे अनेक क्षेत्रों में अपना विशेष स्थान बनाया है। इसमें कुछ दशकों पहले उनकी भागीदारी की कल्पना भी करना मुश्किल था। वे सभी देशवासियों से आग्रह करती हूं कि वे महिला सशक्तीकरण को प्राथमिकता दें। हमारी बहनें और बेटियां साहस के साथ हर तरह की चुनौतियों का सामना करें और जीवन में आगे बढ़ें।”

परंपराओं को समृद्ध करते हुए आधुनिकता अपनाएं- राष्ट्रपति

राष्ट्रपति ने देश के आदिवासी समाज अपील की कि आप सब अपनी परंपराओं को समृद्ध करते हुए आधुनिकता को अपनाएं। उन्होंने कहा कि जरूरतमंदों की सहायता के लिए विभिन्न क्षेत्रों में पहल की गयी है तथा व्यापक स्तर पर कल्याणकारी कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। मैं एक शिक्षक रही हूँ, इस नाते भी मैंने यह समझा है कि शिक्षा, सामाजिक सशक्तीकरण का सबसे प्रभावी माध्यम है।

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