वॉशिंगटन में भारतीय दूतावास के सामने सिख अलगाववादियों के एक छोटे समूह ने 26 जनवरी को विरोध प्रदर्शन किया और इस दौरान उन्होंने गणतंत्र दिवस पर तिरंगा जलाने का प्रयास किया। स्थानीय सिख समुदाय ने इस कदम की निंदा की है और भारत सरकार के सूत्रों ने इसे एक ‘फ्लॉप शो’ करार दिया है। इस विरोध प्रदर्शन के दौरान एसएफजे समर्थकों की तुलना में भारतीय मूल के अमेरिकी लोगों की मौजूदगी ज्यादा थी, जिन्होंने ‘वंदे मातरम’ और ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाए और तिरंगा लहराया।

नई दिल्ली में अधिकारिक सूत्रों ने कहा कि वॉशिंगटन में भारतीय दूतावास के बाहर करीब 15-20 लोगों की मौजूदगी वाला सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) का प्रदर्शन एक विफल कार्यक्रम था। उनकी तुलना में झंडा लहराने वाले, उत्साही और देशभक्त भारतीयों की संख्या काफी अधिक थी। उन्होंने कहा कि एसएफजे ने प्रदर्शन करके खोखला दावा किया है कि उसके पास व्यापक समर्थन है। वह पाकिस्तान द्वारा समर्थित एक संगठन है जो समस्या खड़ी करने के लिए इस्लामाबाद के नापाक डिजाइन को सामने ला रहा है। वास्तव में अधिकांश प्रदर्शनकारी पाकिस्तानी थे।

प्रदर्शनकारियों ने ‘खालिस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाए और स्थानीय पाकिस्तानी मीडिया की उपस्थिति में भारतीय झंडा जलाने का प्रयास किया।

भारत सरकार के सूत्रों ने बताया कि एसएफजे ने अपनी वेबसाइट पर दावा किया कि उन्होंने दूतावास के बाहर भारतीय झंडा जलाया जो ‘पूरी तरह गलत’ है क्योंकि दिखाए गए फोटो/वीडियो में ऐसी कोई घटना नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि नाकाम कार्यक्रम को छुपाने के लिए ऐसा दावा किया गया है।

पाकिस्तानी रिपोर्टर और कैमरामैन की उपस्थिति में एसएफजे के सदस्य शनिवार की दोपहर करीब 2.30 बजे दूतावास के सामने एकत्रित हुए और भारतीय झंडा जलाने का प्रयास किया। उन्होंने हरे रंग का एक झंडा जलाया जिस पर ‘एस’ लिखा हुआ था।

भारतीय मूल के अमेरिकी लोगों और प्रदर्शनकारियों के बीच गतिरोध के मद्देनजर स्थानीय कानून प्रवर्तन अधिकारियों ने भारतीय झंडा जलाने के किसी भी प्रयास को लेकर चेतावनी दी है। गतिरोध जारी रहने के कारण उन्होंने अतिरिक्त सुरक्षाकर्मियों की मांग की। स्थानीय सिख समुदाय ने प्रदर्शन करने के लिए एसएफजे की आलोचना की है।

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