भगोड़ा घोषित हुए गायत्री प्रसाद प्रजापति को सुप्रीम कोर्ट से गहरा झटका मिला है। रेप और यौनशोषण मामले में आरोपी  गायत्री प्रजापति ने सुप्रीम कोर्ट में गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग के लिए याचिका दायर की थी जिसे कोर्ट ने खारिज करते हुए कहा कि संबंधित कोर्ट में याचिका दायर करें। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि हमने गिरफ्तारी को लेकर कोई आदेश नहीं दिया था बल्कि हमने यूपी पुलिस को गायत्री और उसके 6 साथियों के खिलाफ केस दर्ज करके जांच करने के आदेश दिए थे और यदि पुलिस चाहेगी तो वह गिरफ्तारी कर सकती है।

सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर करके प्रजापति ने शिकायत करने वाली महिला को ब्लैकमेलर बताते हुए इस मामले को अपने खिलाफ राजनीतिक साजिश बताया था, लेकिन कोर्ट ने उनकी किसी भी दलील को सुनने से इनकार कर दिया है। जस्टिस सीकरी की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि वह अपने आदेश में कोई परिवर्तन नहीं करने वाली। गायत्री प्रजापति की संपत्ति को जब्त करने की कवायद यूपी पुलिस ने शुरू कर दी है साथ ही कोर्ट ने गायत्री प्रजापति का गैर जमानती वारंट भी जारी किया था। पुलिस कोर्ट में मंत्री प्रजापति की पूरी संपत्ति को जब्त करने के लिए एक दो दिन में अर्जी दायर करेगी। कोर्ट से इजाजत मिलने के बाद पुलिस प्रजापति को समर्पण करने का नोटिस भेजेगी और ऐसा नहीं किऐ जाने पर प्रजापति की संपत्ति जब्त कर लेगी।

फिलहाल गायत्री प्रजापति फरार है और पुलिस उन्हें तलाश कर रही है। पीड़िता के आरोपो के मुताबिक 2014 में प्रजापति ने महिला को प्लॉट दिलाने के बहाने अपने आवास में बुलाकर चाय में नशीला पर्दाथ मिलाया था जिसके बाद वह होश खो बैठी जिसके बाद मंत्री और उसके साथी ने महिला के साथ गैंगरेप किया और वीडियो भी बनाया।

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