दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के ऊपर वित्त मंत्री अरुण जेटली द्वारा दायर मानहानि केस मामले में आज रजिस्ट्रार के सामने सुनवाई हुई। इस सुनवाई में अरुण जेटली और केजरीवाल की तरफ से कोर्ट पहुंचे वरिष्ठ वकील राम जेठमलानी आमने-सामने थे। सुनवाई के दौरान जेटली को जेठमलानी के कई सवालों का सामना करना पड़ा। इस केस में दिलचस्प तथ्य यह है कि जेठमलानी कभी बीजेपी के साथ थे और आज वह लालू प्रसाद यादव की राष्ट्रीय जनता दल से राज्यसभा सांसद हैं। 

अरुण जेटली ने अरविंद केजरीवाल के ख़िलाफ़ दिसंबर, 2015 मे 10 करोड़ रुपये का मानहानि का केस किया था। जेटली ने केजरीवाल पर लगाये गए आरोपों में कहा था कि मीडिया में मेरे खिलाफ लगातार पांच दिन तक गलत बयानबाजी की गई। मेरी छवि को नुकसान पहुँचाया गया। आरोपों का खंडन करने के बावजूद ऐसा किया गया था। मजबूरन इसे रोकने के लिए मुझे कोर्ट का सहारा लेना पड़ा।

आज सुनवाई के दौरान केजरीवाल की तरफ से कोर्ट पहुंचे राम जेठमलानी ने अपने सवालों से जेटली को घेरने की कोशिश की। जेठमलानी ने अरुण जेटली से केस दाख़िल करने में देरी,मानहानि की राशि तय करने के आधार सहित याचिका में दाख़िल की गई अधिकारों के हनन से सम्बंधित सवाल पूछे। इस दौरान कई प्रश्न दोहराए गए। जिसके जवाब में जेटली ने कड़ी आपति दर्ज कराई । दूसरी तरफ इस मामले में अपनी तरफ से सफाई देते हुए केजरीवाल ने कहा कि समय आने पर वह आरोपों को कोर्ट में साबित करेंगे।

इस मामले की शुरुआत तब हुई थी जब केजरीवाल ने जेटली पर डीडीसीए का अध्यक्ष रहते घोटाले का आरोप लगाया था। इन आरोपों के खिलाफ जेटली ने कोर्ट में केजरीवाल पर मानहानि का केस दर्ज कराया था।

केजरीवाल पर मानहानि के एक अन्य मामले में उन्हें अदालत ने समन जारी किया है। यह समन राज्यसभा सांसद सुभाष चन्द्र की याचिका पर सुनवाई करते हुए जारी किया गया है। अदालत ने इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता की छवि को नुकसान पहुँचाने के उद्देश्य और अभी तक इस मामले में पेश किये गए तथ्य को देखने के बाद समन जारी करने के पुख्ता आधार हैं। केजरीवाल ने सुभाष चंद्रा पर कालेधन होने का आरोप लगाया था जिसके बाद उनपर यह मुकदमा दर्ज कराया गया था।

केजरीवाल पर मानहानि के दो मुकदमों में एक साथ ख़बरें आई हैं। अगर इन मामलों में केजरीवाल दोषी पाए जाते हैं या अपने आरोपों को साबित करने में असफल रहते हैं तो उन्हें दो साल जेल की सजा भुगतनी पड़ सकती है। 

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