प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए अभी से कमर कस ली है। पीएम मोदी 20 दिसंबर से लेकर 3 जनवरी तक बीजेपी के सभी सांसदों से अलग-अलग ग्रुप में मुलाकात करेंगे। माना जा रहा कि ये मुलाकात मौजूदा मुद्दों के अलावा ग्राउंड रिपोर्ट के जरिए जनता की नब्ज टटोलने की भी एक कोशिश है। माना जा रहा कि तीन राज्यों में सत्ता जाने के बाद पीएम मोदी ने ग्राउंड रिपोर्ट के साथ सांसदों को बुलाया है। इस दौरान वह केंद्र और राज्य सरकार के कामकाज का आम लोगों पर पड़े असर व उनकी शिकायतों पर सांसदों से चर्चा करेंगे और उनका सुझाव लेंगे। सांसदों को पूरी तैयारी के साथ आने को कहा गया है।

प्रधानमंत्री सबसे पहले 20 दिसंबर को रात 8 बजे से 10 बजे तक दिल्ली, चंडीगढ़, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, पंजाब और उत्तराखंड के सांसदों से मिलेंगे। इसके बाद 26 दिसंबर को शाम 6 से 8 बजे तक पश्चिमी उत्तर प्रदेश, 8 से 10 बजे तक मध्य उत्तर प्रदेश के सांसदों से मुलाकात करेंगे। 27 दिसंबर को पीएम मोदी शाम 6 से 8 बजे तक पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के सांसदों से मुलाकात करेंगे। 28 दिसंबर को शाम 6 से 8 तक मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़, रात 8 से 10 बजे तक आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, पुडुचेरी और लक्षद्वीप के सांसदों से पीएम मोदी मिलेंगे।

2 जनवरी को शाम 6 से 8 बजे तक महाराष्ट्र, रात 8 से 10 बजे तक गुजरात, दादर नागर हवेली और दमन दीव से सांसदों से पीएम मोदी मिलेंगे। 3 जनवरी को पीएम शाम 6 से 8 बजे तक राजस्थान के सांसदों से मिलेंगे। इसी दिन रात 8 से 10 बजे तक अंडमान निकोबार, झारखंड, उड़ीसा, नॉर्थ ईस्ट और पश्चिम बंगाल के सांसदों से पीएम मोदी मुलाकात करेंगे।

पीएम मोदी ने पहली बार इस तरह से अलग-अलग ग्रुप में बीजेपी के सांसदों से मुलाकात करेंगे। माना जा रहा कि इस मुलाकात में पीएम मोदी सांसदों ने न सिर्फ उनके कामों का ब्यौरा लेंगे, बल्कि ग्राउंड रिपोर्ट में पार्टी कहां खड़ी है, इसकी भी जानकारी जुटाएंगे। तीन राज्यों में सत्ता जाने से बीजेपी गहन चिंतन-मंथन के दौर से गुजर रही है। पीएम मोदी ने सांसदों से मुलाकात के लिए जिस तरह ग्रुप का चयन किया है। उससे साफ जाहिर है कि उनकी ये कवायद 2019 में होने वाले चुनाव के मद्देनजर ही है। पीएम मोदी ने जहां पश्चिमी  और मध्य उत्तर प्रदेश को एक दिन तो दूसरे दिन पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार के सांसदों को मुलाकात के लिए बुलाया है। ऐसे में साफ है कि ये मुलाकात सांसदों के लिए बेहद अहम है।

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