प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी एक्ट ईस्ट नीति को और धारदार बनाने के लिए 29 मई से 2 जून 2018 तक सिंगापुर और इंडोनेशिया की यात्रा पर जाने वाले है। बता दें कि प्रधानमंत्री के तौर पर यह मोदी की तीसरी सिंगापुर यात्रा होगी, जो बताता है कि भारतीय कूटनीति में चीन से सटे इस छोटे से देश को कितनी अहमियत मिल रही है। वहीं पीएम मोदी की इंडोनेशिया की यह पहली यात्रा होगी और इसके साथ ही इस क्षेत्र के सभी दस देशों की यात्रा अपने एक ही कार्यकाल में करने वाले वह पहले पीएम भी बन जाएंगे।  पीएम मोदी आसियान के 10 देशों में से 9 देशों की यात्रा बतौर प्रधानमंत्री कर चुके हैं। विदेश मंत्रालय के अनुसार दोनों देशों की यात्रा के दौरान रक्षा क्षेत्र में सहयोग एंजेंडे में काफी प्रमुख रहेगा।

विदेश मंत्रालय में सचिव (पूर्व) प्रीति शरण ने बताया कि, ‘भारत के लिए सिंगापुर और इंडोनेशिया दोनों ही रणनीतिक साझेदार देश हैं। हाल के दिनों में जिस तरह से हिंद-प्रशांत महासागर में सुरक्षा का मुद्दा जिस तरह से वैश्विक स्तर पर छा गया है उसे देखते हुए भी पीएम मोदी की इस यात्रा की अपनी अहमियत है।

मोदी के जकार्ता दौरे के बारे में शरण ने बताया कि भारत और इंडोनेशिया के बीच सामुद्रिक क्षेत्र में एक दूसरे के साझेदार हैं जिसे और गहरा करने की कोशिश की जा रही है। दोनो देशों के बीच इस वर्ष के शुरुआत में सुरक्षा संबंधों को बहुआयामी बनाने की रणनीति बनी थी। उस दिशा में किस तरह से आगे बढ़ा जा रहा है, यह पीएम मोदी और इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो के बीच वार्ता में अहम रहेगा।

पतंग उड़ाने के कार्यक्रम में लेंगे हिस्सा
इंडोनेशिया दुनिया का सबसे बड़ा मुस्लिम देश है, लेकिन उसने कट्टर इस्लाम पर काफी सटीक तरीके से काबू पाया है। पीएम मोदी की यह कोशिश भी होगी कि वह एक प्रमुख मुस्लिम देश को आतंकवाद जैसे मुद्दों पर भारत के साथ करें ताकि इस्लामिक देशों के सहयोग संगठन (ओआइसी) में पाकिस्तान के दुष्प्रचारों को रोका जा सके। मोदी वहां भारतीय समुदाय से भी मिलेंगे और पतंग उड़ाने के एक कार्यक्रम भी वहां के राष्ट्रपति के साथ हिस्सा लेंगे। सनद रहे कि मोदी के गृहराज्य गुजरात की तरफ से इंडोनेशिया में भी पतंग उड़ाने की परंपरा है।

द्वीपक्षीय मुद्दों पर होगी बात
प्रधानमंत्री मोदी इंडोनेशिया की यात्रा के बाद 31 मई को सिंगापुर पहुंचेगे। वहां मोदी सिंगापुर के पीएम के साथ द्वीपक्षीय मसलों पर बातचीत करेंगे, इसके साथ ही वहां अंतररष्ट्रीय सम्मेलन शांगरिला डायलॉग में भी भाषण देंगे।’ इस सम्मेलन में पीएम मोदी के भाषण को इस क्षेत्र में सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर भारत की भावी सोच के तौर पर देखा जा रहा है। इस सम्मेलन में अमेरिका, आस्ट्रेलिया और चीन समेत कई देशों के वरिष्ठ अधिकारी हिस्सा लेने वाले हैं।

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