प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के आगामी आम चुनावों को लेकर किसी भी दल के साथ गठबंधन के वास्ते तैयार रहने का संकेत देते हुए गुरुवार को कहा कि पार्टी के दरवाजे सहयोगी दलों के लिए हमेशा खुले हैं। मोदी ने भाजपा के धर्मापुरी, कुड्डलूर, कृष्णागिरि, अरक्कोनम और इरोड जिलों के बूथ स्तरीय कार्यकर्ताओं को नयी दिल्ली से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये संबोधित करते हुए कहा कि पार्टी अपने पुराने दोस्तों को पसंद करती है और उसके दरवाजे अन्य दलों के लिए हमेशा खुले हैं।

यह पूछे जाने पर कि क्या भाजपा अन्ना द्रमुक या अभिनेता रजनीकांत की प्रस्तावित पार्टी या द्रमुक के साथ गठबंधन करेगी, उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी अपने पुराने दोस्तों का स्वागत करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा, “यह अनिवार्यता नहीं है। अगर भाजपा अपने बूते बहुमत हासिल कर लेती है तो भी हम अपने सहयोगियों के साथ सरकार चलाना चाहेंगे।” मोदी ने कहा कि लगभग 20 वर्ष पहले दूरदर्शी नेता अटल बिहारी वाजपेयी भारतीय राजनीति में गठबंधन की नयी संस्कृति लाये। उन्होंने क्षेत्रीय आकांक्षाओं को सर्वाधिक महत्व दिया था। उन्होंने दिखाया कि केंद्र और राज्य सरकार देशहित में किस तरह साथ मिलकर काम कर सकते हैं। भाजपा उनकी दिखायी राह पर चल रही है।

उन्होंने कांग्रेस पर क्षेत्रीय दलों के साथ दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए कहा कि उसने क्षेत्रीय दलों की अभिलाषाओं की कभी परवाह नहीं की।  कांग्रेस पर रक्षा क्षेत्र को गंभीर नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि केवल यह पार्टी ही नहीं बल्कि उसकी पूरी संस्कृति बहुत खतरनाक है। मोदी ने कहा, “ कई लोगों को लगता है कि पूर्ववर्ती संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार की सबसे बड़ी विफलता अर्थव्यवस्था का कुप्रबंधन और भ्रष्टाचार था लेकिन वास्तव में उन्होंने हमारी सशस्त्र बलों को भी गहरा नुकसान पहुंचाया।” उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने दशकों तक रक्षा क्षेत्र को दलालों और बिचौलियों का गढ़ बना रखा था।

प्रधानमंत्री ने नेहरू-गांधी परिवार को नाम लिये बिना कहा कि हर कोई जानता है कि अगस्ता वेस्टलैंड मामले में प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया ब्रिटिश बिचौलिया क्रिश्चियन मिशेल उस परिवार के कितना करीब है जो कांग्रेस का कर्ता-धर्ता रहा है। मिशेल को यह भी पता होता था कि मंत्रिमंडल की बैठक कब होने वाली है और उसके पास सरकारी दस्तावेजों का ब्योरा भी होता था जिससे साफ है कि देश की सुरक्षा को खतरे में डालने में उसकी कितनी भूमिका थी। उन्होंने कहा कि 2014 से पहले भ्रष्टाचार संस्थागत था लेकिन अब ईमानदारी संस्थागत है।

-साभार, ईएनसी टाईम्स

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