प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब किसी जनसभा या अन्य कार्यक्रम को संबोधित करते हैं तो अपनी लाजवाब भाषा की शैली और शब्दों से बॉर्डर पर बैठे सैनिकों से लेकर चाय बनाने वाले एक आम व्यक्ति तक में भी देश के लिए कुछ कर गुजरने की भावना जाग उठती है। आज एक बार फिर पीएम मोदी ने अपने शब्दों से देश के सभी अधिकारियों के अंदर स्वंय निर्णय लेने की इच्छा जागरूक कर दी है। मौका था सिविल सर्विस डे का जिसे पीएम मोदी दिल्ली के विज्ञान भवन में संबोधित कर रहे थे।
अधिकारी निर्भीक होकर लें फैसले
सिविल सर्विस डे के मौके पर पीएम मोदी ने कई प्रशासनिक अधिकारियों को संबोधित करते हुए उन्हें अपने कर्तव्य के प्रति निष्ठावान बनने की सलाह दी। पीएम मोदी ने नौकरशाहों का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि सार्वजनिक हित में वे बिना किसी भय और पक्षपात के फैसले लें। प्रधानमंत्री ने उन्हें पूरा समर्थन देने का आश्वासन देते हुए कहा कि “मैं हमेशा आप लोगों के साथ हूं”। उन्होंने कहा कि अब समय आ चुका है कि नौकरशाहों को लीक से हटकर फैसले लेने चाहिए तथा अपने आप को वर्षों से चले आ रहा ढर्रे से बाहर निकाल कर तेजी से निर्णय लेना चाहिए।
बेहतर प्रणाली के लिए प्रतिस्पर्धा जरूरी
पीएम ने आगे कहा कि नौकरशाही का काम बेहतर तरीके से कार्य करना है और यह बदलाव जनता की सहभागिता से ही संभव हो पाएगा। नौकरशाहों के काम-काज के तौर तरीके में बदलाव लाने की बात पर जोर देते हुए पीएम ने कहा कि अधिकारियों को नियामक की भूमिका के बजाय समर्थ की भूमिका अदा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि आज के दौर में किसी भी प्रणाली को बेहतर बनाने के लिए प्रतिस्पर्धा बहुत जरूरी है और प्रशासनिक तंत्र में पूरे स्तर पर बदलाव की आवश्यकता है।
कश्मीर में जवानों के साथ दुर्व्यवहार पर आत्मचिंतन जरूरी
सिविल सर्विस डे कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कश्मीर में सेना के साथ हो रहे दुर्व्यवहार की भी चर्चा की। पीएम ने कहा कि एक हमारे फौजी हैं जो कश्मीर में बाढ़ जैसी आपदा आने के बाद अपनी जान की परवाह किए बिना लोगों की जान बचाते हैं और उनके लिए तालियां भी बजाते हैं। लेकिन बाद में उन्हीं वीर जवानों को पत्थर भी खाने पड़ते हैं। उन्होंने कहा कि इसपर हम सभी को आत्मचिंतन करने की जरूरत है। इसमें किसी प्रकार की कोताही नहीं बरतनी चाहिए। पीएम ने कहा कि 20 साल पहले और आज के हालात में काफी अंतर है। ऐसे में अफसरों को अपनी शक्ति का अहसास होना जरूरी है।
दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित सिविल सर्विस डे के कार्यक्रम को संबोधित करने के बाद पीएम ने सार्वजनिक क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए देशभर के कई अधिकारियों को पुरस्कार भी प्रदान किए।