प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के प्रसिद्ध सोमनाथ मंदिर से जुड़ी कई परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास किए। पीएम जिन परियोजनाओं की शुरुआत कर किए है, उनमें सोमनाथ सैरगाह, सोमनाथ प्रदर्शनी केंद्र और पुराने सोमनाथ का पुनर्निर्मित मंदिर परिसर भी शामिल हैं। साथ ही श्री पार्वती मंदिर की आधारशिला भी रखी गई है।

पीएम मोदी ने कहा कि बाबा केदारनाथ का विकास हो या उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के लिए कठिन पहाड़ों में टनल और हाइवे का निर्माण हो, वैष्णो देवी मंदिर के आसपास विकास हो, या पूर्वोत्तर तक पहुंच रहा हाईटेक इंफ्रास्ट्रक्चर, आज देश में अपनों से दूरियां सिमट रही हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इसी तरह, हमारे चार धामों की व्यवस्था, हमारे शक्तिपीठों की संकल्पना, हमारे अलग अलग कोनों में अलग-अलग तीर्थों की स्थापना, हमारी आस्था की ये रूपरेखा वास्तव में ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ की भावना की ही अभिव्यक्ति है।

कार्यक्रम को वर्चुअली संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पश्चिम में सोमनाथ और नागेश्वर से लेकर पूरब में बैद्यनाथ तक, उत्तर में बाबा केदारनाथ से लेकर दक्षिण में भारत के अंतिम छोर पर विराजमान श्री रामेश्वर तक, ये 12 ज्योतिर्लिंग पूरे भारत को आपस में पिरोने का काम करते हैं।

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पीएम मोदी ने कहा कि हमारे लिए इतिहास और आस्था का मूल भाव है सबका साथ- सबका विकास – सबका विश्वास और सबका प्रयास। हमारे यहां जिन द्वादश ज्योतिर्लिंगों की स्थापना की गई है, उनकी शुरुआत सोमनाथ मंदिर से ही होती है।

पीएम ने कहा कि आज राम मंदिर के रूप में नए भारत के गौरव का एक प्रकाशित स्तम्भ भी खड़ा हो रहा है। हमारी सोच होनी चाहिए इतिहास से सीखकर वर्तमान को सुधारने की, एक नया भविष्य बनाने की।


पीएम ने कहा कि इस मंदिर को सैकड़ों सालों के इतिहास में कितनी ही बार तोड़ा गया, यहां की मूर्तियों को खंडित किया गया, इसका अस्तित्व मिटाने की हर कोशिश की गई, लेकिन इसे जितनी भी बार गिराया गया, ये उतनी ही बार उठ खड़ा हुआ।


उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि ये ऐसा स्थल है जिसे हजारों साल पहले हमारे ऋषियों ने ज्ञान का क्षेत्र बताया गया था। जो आज भी पूरे विश्व के सामने आह्वान कर रहा है कि सत्य को असत्य से हराया नहीं जा सकता, आस्था को आतंक से कुचला नहीं जा सकता।

इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जुड़े। वह भी न्यास के न्यासी हैं। गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और अन्य गणमान्य व्यक्ति इस दौरान सभागार में मौजूद रहे।

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