लंबे समय से बीमार चल रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुरु व रामकृष्ण मठ और मिशन के अध्यक्ष स्वामी आत्म आस्थानंद जी का सोमवार को निधन हो गया। स्वामि आस्थानंद जी फरवरी 2015 से ही बीमार चल रहे थे।
बता दें कि समय-समय पर अनेक सामाजिक कार्यों में पीएम मोदी के गुरु स्वामी आत्म आस्थानंद का सक्रिय योगदान रहा है। भारत सहित अन्य पड़ोसी देशों में भी आई आपदा के समय इनके नेतृत्व में अनेक राहत अभियान चलाए गए थे। रामकृष्ण मठ और रामकृष्ण मिशन, बेलूर मठ ने एक बयान में कहा कि अच्छे इलाज के बावजूद स्वामी जी के हालत में कोई सुधार नहीं हो रहा था। अंतत: सोमवार को 95 साल के स्वामी आस्थानंद जी ने रामकृष्ण मिशन सेवा प्रतिष्ठान अस्पताल में शाम के करीब साढ़े पाँच बजे अंतिम साँस ली।
जानकारी के अनुसार स्वामी जी का अंतिम संस्कार बेलूर स्थित मठ में ही किया जाएगा।
स्वामी आस्थानंद जी प्रधानमंत्री मोदी के गुरु थे। उनके निधन से पीएम बेहद आहत नज़र आए। पीएम ने ट्वीट कर शोक जताया। उन्होंने ट्विट कर कहा कि “इससे मुझे व्यक्तिगत नुकसान हुआ। मैं मेरी जिंदगी के सबसे महत्वपूर्ण समय में उनके साथ रहा”। गौरतलब है कि पीएम मोदी युवावस्था में संन्यासी जीवन व्यतीत करने के लिए बैलूर स्थित रामकृष्ण मठ गए थे लेकिन उस समय उनका अनुरोध अस्वीकार कर दिया गया था। बाद में उन्हें गुजरात के राजकोट में स्वामी आस्थानंद जी का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ। यहीं उन्होंने स्वामी जी से आत्याध्मिक जीवन के गुण सिखे। पीएम मोदी के अलावा पश्चिम बंगाल के राज्यपाल कोशरीनाथ त्रिपाठी और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी ट्वीट कर शोक प्रकट किया।
अनुकरणीय व्यक्तित्व के लिए किया जाएगा याद
पीएम ने स्वामी जी के लिए किए गए ट्वीट में लिखा “स्वामी आत्म आस्थानंद जी अतुलनीय ज्ञान और बुद्धिमत्ता से धनी थे। आने वाली पीढि़यां उन्हें उनके अनुकरणीय व्यक्तित्व के लिए याद रखेंगी”। साथ ही उन्होंने कहा कि जब भी वह कोलकाता जाएंगे, तो वहां से बिना स्वामी जी का आशीर्वाद लिए नहीं लौटेंगें।
साथ ही एक और ट्वीट में पीएम ने लिखा “ स्वामी विवेकानंद द्वारा शुरू किए गए रामकृष्ण मिशन के बतौर अध्यक्ष स्वामी आस्थानंद जी ने विश्व में इसका प्रभाव फैलाया।