बिहार के सुशासन बाबू भले ही अपने राज्य की बेहतर स्थिति का दावा करते हो लेकिन अपराध की घटनाएं आय दिन बिहार के किसी ना किसी हिस्से से आती ही रहती है। फिर चाहे वो हत्या की वारदात हो या बलात्कार की। एक बार फिर बिहार के लखीसराय से गैंगरेप की शर्मनाक घटना सामने आई है। गुरुवार रात लखीसराय के चानन थाना क्षेत्र के लाखोचक गांव में मैट्रिक की एक छात्रा के साथ उसी के गांव के एक युवक ने दुष्कर्म किया और फिर अपने आधा दर्जन साथियों के साथ पीड़िता को वंशीपुर स्टेशन पर ले गया, ट्रेन पर चढ़ाया और फिर किऊल स्टेशन के पास चलती ट्रेन से नीचे फेंक दिया।
हथियार के बल पर किया दुष्कर्म
सुबह होने के बाद जब लोगों ने पीड़िता को किऊल स्टेशन पर घायलवस्था में देखा तो उसे प्लेटफॉर्म पर लेकर आए। तब तक में उसके माता-पिता भी उसे खोजते हुए स्टेशन पहुंचे तो पीड़िता ने बताया कि गुरुवार की रात वह अपने घर से शौच के लिए निकली थी उसी दौरान गांव के ही कामेश्वर यादव के पुत्र मृत्युंजय कुमार उर्फ भोथी ने उसे पकड़ लिया और हथियार के बल पर उसके साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया। पीड़िता ने बताया कि 6 की संख्या में आरोपियों ने इस घटना को अंजाम दिया है और फिर उसे चलती ट्रेन से फेंक दिया।
पुलिस ने एक आरोपी को किया गिरफ्तार
हमेशा देर से जागने वाली बिहार पुलिस इस मामले में आरोपियों को पकड़ने के लिए जगह-जगह पर छापेमारी कर रही है। अभी तक मिली जानकारी के अनुसार लखीसराय पुलिस एक आरोपी संतोष को गिरफ्तार कर उससे पूछताछ कर रही है। पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी संतोष नाबालिग है और हमने इसके अलावा इस केस में 2 लोगों को नामजद और 6 अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। उधर, लखीसराय के जिलाधिकारी सुनील कुमार ने सोमवार को पीड़िता को एक लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है।
पीएमसीएच में दिखी डॉक्टरों की संवेदनहीनता
इस घटना ने एक ओर तो बिहार में अपराध की बढ़ती सीमा को प्रदर्शित किया तो वहीं इसी घटना के एक और पहलू ने बिहार के अस्पतालों में मौजूद डॉक्टरों की संवेदनहीनता भी प्रदर्शित की। पीड़िता के परिवार वाले जब शनिवार रात उसे लेकर पटना के पीएससीएच अस्पताल पहुंचे तो उतनी नाजूक हालत होने के बाद भी पीड़िता को किसी अस्पताल कर्मचारियों ने भर्ती तक नहीं किया। रात 11 बजे अस्पताल पहुंचे परिजन लगभग एक घंटे तक पीड़िता को लेकर एक से दूसरे विभाग में चक्कर लगाते रहे। सूचना मिलने पर प्राचार्य ने डयूटी पर तैनात डॉक्टर, स्टाफ नर्स एवं हेल्थ मैनेजर को कार्रवाई की चेतावनी दी तब पीड़िता को इमरजेंसी में भर्ती किया गया।
पीड़िता को लेकर चक्कर काटते रहे परिजन
पीड़िता के भाई का आरोप है कि एक निजी वाहन से वे लखीसराय से बहन को लेकर रात 11 बजे पीएमसीएच पहुंचे थे। सबसे पहले प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग में गए। वहां डॉक्टरों ने यह कहकर भर्ती लेने से इंकार कर दिया कि रात में केवल प्रसव पीड़ा से पीड़ित महिला को ही भर्ती किया जाता है। पीडि़ता को इमरजेंसी में भर्ती कराना होगा। परिजन इमरजेंसी गए तो वहां डॉक्टरों ने प्रसूति रोग विभाग में जाने को कहा क्योंकि वहां महिला डॉक्टर ड्यूटी पर तैनात थी। इधर पीड़ित युवती का अधिक रक्तस्राव होने से स्थिति गंभीर हो रही थी। सूचना मिलने पर प्राचार्य प्रो एसएन सिन्हा ने ड्यूटी पर तैनात सभी कर्मचारियों और डॉक्टरों को कड़ी फटकार लगाई। एक सीनियर डॉक्टर पर कार्रवाई की अनुशंसा करने की चेतावनी दी। उसके बाद कर्मचारी हरकत में आए और पीड़िता को इमरजेंसी के सर्जिकल यूनिट में भर्ती किया गया।
बिहार की स्थिति देखिए सुशासन बाबू
बिहार के कुछ नाबालिग लड़के एक नाबालिग लड़की का गैंगरेप करते है, उसे चलती ट्रेन से बेरहमी से फेंक देते हैं और जब उसे इलाज के लिए अस्पताल लाया जाता है तो उसे भर्ती नहीं किया जाता। राज्य की ऐसी स्थिति सामने आने के बाद भी क्या सत्ता में बैठे महागठबंधन के दोनों स्तंभ, लालू यादव और नीतीश कुमार यही कहेंगे कि बिहार में अपराध की संख्या कम हो रही है और सबकुछ ठीक चल रहा है?