केंद्र सरकार ने गुजरात के वडनगर रेलवे स्टेशन को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने का फैसला किया है। केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री महेश शर्मा ने सोमवार को एक सरकारी बयान के जरिये यह जानकारी दी। आपको बता दें कि यह वही स्टेशन है, जिसके प्लेटफार्म नंबर एक पर स्थित दुकान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने बचपन में कभी चाय बेची थी।

शर्मा ने घोषणा की कि टी स्टाल का मूल आकर्षण बनाए रखने के लिए इसे संरक्षित कर आधुनिक रूप दिया जाएगा। इसके अलावा वडनगर रेलवे स्टेशन को भी पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने की भी योजना है।

मोदी के जन्मभूमि के अलावा वडनगर महत्वपूर्ण ऐतिहासिक केंद्र है, जहां पर शर्मिष्ठा झील और बावड़ी भी है। मंत्री शर्मा ने बताया कि भारतीय पुरातत्व विभाग ने हाल ही में वहां पर खुदाई में बौद्ध मठ का भी पता किया है।

Vadnagar railway stationहालांकि एक दिन पहले गांधीनगर में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा था कि केंद्र ने उस दुकान को पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करने का फैसला किया है, जहां पीएम मोदी कभी चाय बेच चुके हैं। उन्होने कहा था, ‘वडनगर रेलवे स्टेशन के अंदर एक छोटी सी चाय की दुकान है, जहां से हमारे प्रधानमंत्री ने अपनी संघर्षपूर्ण जीवन यात्रा शुरू की थी। हम चाहते हैं कि यह पर्यटन स्थल के रूप में विकसित हो, ताकि दुनिया देख सके। मॉडर्न टच देने के बावजूद हम उसके मूल आकर्षण और वास्तविक स्वरूप को बनाए रखने की कोशिश करेंगे।’ इसके लिए केंद्रीय मंत्री महेश शर्मा ने संस्कृति एवं पर्यटन मंत्रालय और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) के अधिकारियों के साथ रविवार को वडनगर रेलवे स्टेशन का दौरा भी किया था।

हालांकि अहमदाबाद के डिवीजनल मैनेजर दिनेश कुमार ने कहा कि वडनगर रेलवे स्टेशन और मेहसाणा डिस्ट्रिक्ट के दूसरे हिस्सों को विकसित करने में 100 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इसके बाद सोमवार को स्पष्टीकरण जारी करते हुए मंत्री महेश शर्मा ने कहा, ‘रेल मंत्रालय के साथ मिलकर पर्यटन मंत्रालय वडनगर रेलवे स्टेशन को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित कर रहा है। इस समय चाय की दुकान को नया रूप देने की कोई योजना नहीं है। हमारा उद्देश्य वडनगर को विश्व पर्यटन मानचित्र पर रखना है।’

आपको बता दें कि 2014 लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान नरेंद्र मोदी ने कई बार वडनगर के इस रेलवे स्टेशन का जिक्र किया था। उन्होंने कहा था कि बचपन में अपने पिता के साथ वडनगर रेलवे स्टेशन पर वह चाय बेचा करते थे।

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