कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी ईपीएफओ ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए पीएफ खातों में मिलने वाली ब्याज दरों की सिफारिश की है। यह निर्णय न्यासी केंद्रीय बोर्ड अर्थात सीबीटी की बैठक में लिया गया है। बता दें कि सीबीटी ईपीएफओ की शीर्ष निणर्य लेने वाली संस्था है। इसके प्रमुख केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री हैं। ईपीएफओ के सीबीटी की बैठक में ब्याज दरों को 8.1 से बढ़ाकर 8.5 करने का फैसला लिया है।
ईपीएफओ ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए ब्याज दर ईपीएफ तय की। वित्त वर्ष 2023 के लिए EPF पर ब्याज दर 8.15% होगी। यह प्रस्ताव श्रम मंत्रालय मंजूरी के लिए वित्त मंत्रालय को भेजेगा।
EPF में जमा राशि पर मिलने वाली ब्याज दरों में अब इजाहा करने का निर्णय लिया गया है। बता दें कि वित्त वर्ष 2022-23 के लिए पीएफ खाताधारकों को 8.15 प्रतिशत की दर से ब्याज मिलेगा। इससे पूर्व वित्त वर्ष 2021-22 के लिए ईपीएफ पर ब्याज दर 8.1 प्रतिशत किया गया था। EPF के ब्याज दर में बढ़ोत्तरी से करीबन 6 करोड़ लोगों को फायदा मिलेगा। वर्ष 1977-78 में ईपीएफओ ने ब्याज दर 8 फीसदी तय की थी। इसके बाद ईपीएफ की ब्याज दर 8.25 फीसदी से ज्यादा ही रही थी।
PF Interest Rate Hike: EPFO क्या करता है?
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी ईपीएफओ एक राज्य प्रोत्साहित अनिवार्य अंशदायी पेंशन और बीमा योजना प्रदान करने करने वाला सरकारी संगठन है। इसमें सीबीटी सबसे ज्यादा मजबूत स्थिति में होती है क्योंकि यह ब्याज दरों से संबंधित फैसले लेने में सक्षम है।
EPFO पीएफ खाताधारकों के खाते में जमा राशि को अलग-अलग जगह निवेश करता है। इस निवेश से EPFO कमाई करता है और उसका एक हिस्सा ब्याज के रूप में खाता धारक को देने का काम करता है। बता दें कि ईपीएफओ को म्यूचुअल फंड्स और सेबी रेगुलेटेड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड में निवेश करने की अनुमति है।
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