गुजरात में एक बार फिर से पाटीदार प्रदर्शनकारी हिंसक हो गए हैं। सूरत के पाटीदारों के दबदबे वाले इलाके में देर रात कुछ अज्ञात प्रदर्शनकारियों ने दो बसें फूंक दी। वहीं पुलिस ने जैसे ही पाटीदार प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया बवाल मच गया। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव भी किया।

दरअसल सौराष्ट्र भवन में गुजरात भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा का कार्यक्रम चल रहा था, जिसमें  हार्दिक पटेल के नेतृत्व वाली पाटीदार अनामत आंदोलन समिति से कथित तौर पर जुड़े कुछ लोगों ने हंगामा किया। पाटीदारों ने यहां पहुंचकर भाजपा के खिलाफ जम कर नारेबाजी की। वे भाजयुमो प्रमुख ऋत्विज पटेल के खिलाफ हंगामा कर रहे थे। पुलिस ने उन्हें रोकने की कोशिश की तो पुलिस पर टमाटर फेंका और पथराव किया। हालात बेकाबू होते देख पुलिस ने लाठीचार्ज कर दी और सूरत के पास कन्वीनर अल्पेश कथिरिया व विजय मांगुकिया समेत 18 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। इससे पाटीदार भड़क उठे। 100 से ज्यादा लोगों की भीड़ ने हीराबाग के पास बीआरटीएस की दो बसों में आग लगा दी।

गौरतलब है कि पिछले 7 दिनों में पाटीदारों का भाजपा के खिलाफ यह तीसरा बड़ा प्रदर्शन था। सूत्रों की माने तो आईबी की इनपुट भी थी कि पाटीदार समाज के पास कार्यकर्ता कार्यक्रम में गड़बड़ी कर सकते हैं। बावजूद इसके पुलिस ने पहले से कोई तैयारी नहीं की। दो दिन पहले भी पास (पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति) कार्यकर्ताओं ने अमित शाह का पुतला जलाया था। लेकिन पुलिस ने उस मामले में भी कोई शिकायत दर्ज नहीं की थी, जिसके कारण पास कार्यकर्ताओं को बल मिला और आज वराछा इलाका फिर से हंगामे का शिकार हुआ।

वहीं इस घटना के बाद हिरासत में 18 पाटीदारों को पुलिस ने देर रात उमरा पुलिस थाने से छोड़ दिया। उधर हजीरा थाने में 57 पाटीदारों को हिरासत में लेकर आधी रात को छोड़ दिया। सूरत के ज्वाइंट सीपी के मुताबिक, वराछा इलाके में दो बसें जलाई गई हैं। अब स्थिति नियंत्रण में है। किसी भी स्थिति से निपटने को पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है।

हालांकि आज ही जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे गुजरात पहुंच रहे हैं और राज्य में ऐसे हालातों का उत्पन्न हो जाना एक बड़ी प्रसाशनिक गलतियों में गिना जा सकता है।

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