संसद का विशेष सत्र 18 सितंबर से शुरू होगा और सदन की कार्यवाही नए संसद भवन में 19 सितंबर से चलेगी। इस बीच पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर पूछा है कि आखिर संसद के विशेष सत्र के लिए कोई एजेंडा क्यों सूचीबद्ध नहीं किया गया है।
सोनिया गांधी ने लिखा, “मुझे यह बताना चाहिए कि यह विशेष सत्र अन्य राजनीतिक दलों के साथ परामर्श के बिना बुलाया गया है। हममें से किसी को भी इसके एजेंडे के बारे में कोई जानकारी नहीं है। हमें केवल इतना बताया गया है कि सभी पांच दिन सरकारी कामकाज के लिए आवंटित किए गए हैं।”
यह पत्र “इंडिया” के बजाय “भारत” के उपयोग को लेकर छिड़ी बहस के बीच लिखा गया है। सूत्रों का कहना है कि सरकार इस महीने के अंत में संसद के पांच दिवसीय विशेष सत्र में देश का नाम बदलने का प्रस्ताव रख सकती है।
सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री से विशेष सत्र के दौरान केंद्र-राज्य संबंधों, सांप्रदायिकता और चीन के साथ सीमा संघर्ष पर चर्चा करने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा, “मुझे पूरी उम्मीद है कि रचनात्मक सहयोग की भावना से इन मुद्दों को आगामी विशेष सत्र में उठाया जाएगा।”
संसद का विशेष सत्र 18 से 22 सितंबर तक आयोजित किया जाएगा।