राफेल डील को लेकर फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के बयान ने भारतीय राजनीति में भूचाल ला दिया है। विपक्ष जहां इस डील को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  और केंद्र सरकार को घेर रही है। वहीं, दूसरी ओर पाकिस्तान भी बयानबाजी कर रहा है। न्यूयॉर्क में प्रस्तावित विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी की मुलाकात कैंसिल होने के बाद पाकिस्तान का कहना है कि भारत ने ऐसा राफेल डील को लेकर मचे बवाल के कारण किया। पाकिस्तान का कहना है कि राफेल डील को लेकर भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विपक्ष के निशाने पर हैं। ऐसे में भारत सरकार ने जनता का ध्यान हटाने के लिए न्यूयॉर्क मीटिंग कैंसिल कर दी।

पाकिस्तान के सूचना और प्रसारण मंत्री फवाद चौधरी का कहना है कि भारत सरकार  पाकिस्तान का नाम लेकर पीएम मोदी को बचाना चाहती है। चौधरी ने शनिवार को ट्वीट किया, ‘हम भारत में सत्ताधारी लोगों के युद्ध भड़काने की कोशिश को नकारते हैं। सभी जानते हैं कि भारतीय सरकार की पाकिस्तान के खिलाफ नफरत फैलाने की रणनीति दरअसल पीएम मोदी को बचाने के लिए है.’ उन्होंने कहा, ‘पीएम मोदी पर राफेल डील में इस्तीफा देने का दबाव है, इसलिए भारत सरकार इस बड़े रक्षा सौदे के घोटाले से अपनी जनता का ध्यान बांटने की कोशिश कर रही है।’ फवाद चौधरी ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के दो ट्वीट को भी शेयर किया है। साथ ही उन्होंने कहा, इससे पता चलता है कि बीजेपी पाकिस्तान के खिलाफ क्यों जहर उगल रही है। राफेल डील पर अपनी जंग खुद लड़ो।

भारत और पाकिस्तान के विदेश मंत्रियों के बीच होने वाली प्रस्तावित मीटिंग कैंसिल होने के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने ट्वीट कर अपनी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा कि उनके ‘शांति वार्ता’ के प्रति भारत की ‘अहंकारी और नकारात्मक’ प्रतिक्रिया से वो निराश हैं। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने भारत के नेतृत्व पर बड़ी और दूरदर्शी सोच नहीं रख पाने का भी आरोप लगाया। प्रधानमंत्री खान ने एक ट्वीट में कहा,‘शांति वार्ता फिर से शुरू किये जाने के लिए मेरे आह्वान पर भारत के अहंकारी और नकारात्मक रूख से निराश हूं।’ भारत द्वारा बैठक रद्द किये जाने पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा, ‘हालांकि मैंने अपने पूरे जीवन देखा है कि छोटे लोग बड़े पदों पर आसीन रहे हैं और उनके पास बड़ी तस्वीर देने का दृष्टिकोण नहीं हैं।’

बता दें कि 14 सितंबर को लिखी गई एक चिट्ठी में क्रिकेटर से नेता बनें और पिछले महीने ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बने इमरान खान ने कुरैशी और स्वराज के बीच मुलाकात का प्रस्ताव रखा था। बता दें कि जनवरी 2016 को पठानकोट एयरबेस पर आतंकी हमले के बाद व्यापक द्विपक्षीय वार्ता ठप हो चुका था।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here