जैसा कि उम्मीद जताई जा रही थी कि संसद के मानसून सत्र में  विपक्ष सत्तापक्ष को घेरने की कोशिश करेगी,कुछ ऐसा ही नजारा बुधवार को भी देखने को मिला। मॉब लिंचिग,किसान, दलितों पर हो रहा शोषण, कानून व्यवस्था आदि मुद्दों पर कांग्रेस और विपक्षी पार्टियों ने दोनों ही सदनों में जमकर हंगामा किया। हंगामे के बाद लोकसभा में सदन की कार्यवाही दोपहर तक स्थगित कर दी गई। वहीं राज्यसभा में भी सांसद गणों ने अपनी सैलरी बढ़ाने का मुद्दा उठाना शुरू कर दिया। साथ ही विपक्ष दलों के राज्यसभा सांसद किसानों को लेकर सदन में सरकार को घेरने का प्रयास भी कर रहे थे।

इस बार के मानसून सत्र में सांसदों के सैलरी को लेकर फिर से वाद-विवाद हुआ। राज्यसभा की कार्यवाही के दौरान समाजवादी पार्टी के सांसद नरेश अग्रवाल ने सांसदों की सैलरी बढ़ाने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि हमारी सैलरी हमारे सचिवों से भी कम है। वह सांसदों की सैलरी को सातवें वेतन आयोग से जोड़ने की बात कहने लगे। इस क्रम में उनका साथ देने कांग्रेस नेता आनंद शर्मा भी आ गए। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान में सांसदों को जितना अपमानित किया जाता है, उतना अपमानित कहीं नहीं किया जाता क्योंकि यहां लोग कहते हैं कि सांसद अपनी सैलरी आपस में मिलकर बढ़ा लेते हैं।

लोकसभा में केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि हम किसानों पर बहस करने को तैयार हैं। किंतु विपक्ष सदन की कार्यवाही में व्यवधान न डालें।

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