मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव इस साल के अंत में होने वाला है। विधानसभा चुनाव के पहले मध्य प्रदेश में फर्जी वोटर लिस्ट को लेकर बड़ा बवाल मचा है। कांग्रेस की 60 लाख फर्जी वोटर होने की शिकायत के बाद चुनाव आयोग इसे गंभीरता से काम ले रहा है। इसी कड़ी में चुनाव आयोग ने चार विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस की 1 लाख 10 हजार मतदाता फर्जी होने की शिकायत की डोर-टू-डोर जांच की। इनमें 2 हजार मतदाता फर्जी निकले हैं।

वहीं चुनाव आयोग ने नरेला, भोजपुर, होशंगाबाद और सिवनी मालवा में जांच टीम भेजी थी। इस बारे में मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी मध्यप्रदेश ने अपनी रिपोर्ट केंद्रीय चुनाव आयोग को भेज दी है।

इस टीम की रिपोर्ट पर कांग्रेस ने आपत्ति जताते हुए चुनाव आयोग से उनकी शिकायत की डोर-टू-डोर जांच कराने के लिए 13 जून को कहा था। बताया जा रहा है कि मतदाता सूची में फोटो की गड़बड़ी अभी से नहीं बल्कि 2012 के पहले से चली आ रही है।

रिपोर्ट के अनुसार, 2 लाख 37 हजार मामले ऐसे हैं जिनमें गड़बड़ी पाई गई है।  जांच अधिकारियों के मुताबिक, करीब एक दशक पहले फोटोयुक्त मतदाता सूची तैयार हुई थी। उस वक्त मतदाताओं के फोटो उपलब्ध न होने के कारण बीएलओ ने एक ही फोटो को कई नामों के सामने चस्पा कर दिया था।

कुछ समय पहले भोजपुर विधानसभा में इसी तरह का मामला सामने आया था, जिसमें एक महिला का फोटो 36 मतदाताओं के नाम के आगे लगा हुआ था। वहीं, सिलवानी विधानसभा में भी एक फोटो 12 से ज्यादा नामों के सामने लगा था। इसके अलावा 13 हजार वोटर एक ही नाम के मिले हैं, जिनका पता अलग-अलग जगह गोविंदपुरा, नरेला और बैरसिया में दर्ज हैं। अब इनकी जांच के लिए कलेक्टर सुदाम पी खाडे ने बीएलओ की टीम को लिस्ट की दोबारा जांच के निर्देश दिए हैं।

—ब्यूरो रिपोर्ट, एपीएन

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