यूपी पुलिस के पुलिसकर्मियों को अब साप्ताहित अवकाश नहीं मिलेगा, पर उन्हें अब 12 घंटे की नहीं बल्कि बस 8 घंटे की ही ड्यूटी करनी होगी। यह फैसला डीजीपी सुलखान सिंह ने कल आगरा में चार जिलों के कानून व्यवस्था की समीक्षा बैठक में सुनाया। उन्होंने बैठक के दौरान कहा कि “मथुरा में सर्राफा कारोबारियों की हत्या के मामले में लीड मिल चुकी है, जल्द बदमाशों का खुलासा हो जाएगा और अब पुलिसकर्मियों को साप्तहिक अवकाश नहीं मिलेगी क्योंकि पुलिस नियमावली में इसका कोई प्रावधान नहीं है।”
आपको बता दें कि आगरा में साठ दिनों में यह तीसरी बार कानून व्यवस्था की समीक्षा हुई है। पर अब तक पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार इतने समय में ही आगरा जोन में 103 लूट और 76 हत्याएं हो चुकी हैं इसके बाबजूद डीजीपी ने यह मानने से इनकार किया कि अपराध बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि कुछ गंभीर घटनाएं हुई हैं, उनपर फोकस किया जा रहा है।
इसके अलावा पुलिस पर हो रहे हमले के बारे में डीजीपी ने कहा कि “पुलिस जनता की सुरक्षा के लिए लगाई गई है। पुलिस वालों को अपनी रक्षा खुद करनी होगी। अगर उनपर हमला होगा तो उन्हें खुद जवाब देना है। वह इसके लिए शिकायत नहीं कर सकते हैं।” इतना ही नहीं पुलिसकर्मियों की संख्या पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि प्रदेश में 2500 एसआई और 32 हजार कांस्टेबल की भर्ती हो चुकी है। इसकी वजह से यूपी में पुलिस की कमी अब नहीं है। इसलिए अब आठ घंटे की ड्यूटी दी जाएगी। इससे अपराध नियंत्रण पर असर दिखेगा।
डीजीपी ने जेवर कांड देखते हुए एसएसपी लव कुमार, एसपी देहात सुनिति, सीओ डॉ. अरुण कुमार व अमित श्रीवास्तव सहित अन्य अधिकारियों के साथ गुरुवार देर रात यमुना एक्सप्रेस-वे का जेवर तक जायजा लिया। इस मामले में डीजीपी ने माना कि वारदात का खुलासा होने में देर हो रही है, लेकिन सही खुलासा करके ही सभी आरोपियों को जेल भेजा जाएगा। सहारनपुर के सब्बीरपुर मामले में डीजीपी ने कहा कि संघर्ष चुनावी रंजिश को लेकर था, वहां दोनों ही जातियां मजबूत स्थिति में हैं।
हालांकि बाद में डीजीपी ने प्रदेश में क्राइम में हो रही बढ़ोतरी को माना। डीजीपी सुलखान सिंह ने कहा कि “पुलिस में कमियां हैं, उन्हें उजागर नहीं करूंगा, लेकिन उन्हें जल्द दूर किया जाएगा, जिसका रिजल्ट जल्द दिखना शुरू हो जाएगा। और अब व्यापारियों को सुरक्षा मिलेगी, कमेटी बनाकर प्लान बनेगा, गश्त बढ़ेगी, बाजारों में पिकेट लगाई जाएंगी।”