राजस्थान में पहली बार लागू की गयी ट्रांसजेंडर (किन्नर) के लिए बनायी गयी नीति के कारण राज्य में अब किन्नर भी राशन की दुकान से सस्ती दर पर राशन ले सकेंगे। राजस्थान सरकार की ओर से इनको भी एनएफएसए में विशेष श्रेणी की पात्रता प्रदान की गई है। इस कारण प्रदेश की कुल आबादी में से करीब 70 फीसदी लोगों को राज्य सरकार किसी न किसी बहाने सस्ता राशन उपलब्ध कराने की योजना पर काम कर रही है।  इस नीति से सबसे बड़ा बदलाव यह होने जा रहा है कि अब राज्य के विशेष श्रेणी और सामाजिक कुरीतियों से पीड़ित 32 तरह के लोग भी राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में पात्र घोषित किए गए हैं। इनमें आस्था, एचआईवी, सिलिकोसिस जैसी बीमारियों से पीड़ितों को तो शामिल किया ही गया है साथ ही 55 साल आयु प्राप्त वरिष्ठ नागरिक जो दिव्यांग भी हैं सहित अन्य श्रेणियों को सस्ते राशन के लिए पात्र घोषित किया गया है।

आधिकारिक जानकारी के अनुसार राशन वितरण व्यवस्था को डिजिटल करने के बाद से उन पात्र उपभोक्ताओं को परेशानी आ रही थी जिनके पोस मशीन पर हाथों की रेखाओं के निशान नहीं आ रहे थे। ऐसे उपभोक्ताओं को पोस मशीन पहचान नहीं कर पा रही थी और इस कारण ऐसे हजारों परिवारों को हर माह राशन से वंचित रहना पड़ रहा था। अब ऐसे पात्र व्यक्तियों के लिए विभाग ने दो तरह की व्यवस्थाएं शुरू की हैं। इसके तहत ऐसे व्यक्ति जिनके हाथों की रेखाएं पोस मशीन पर नहीं आ रही हैं वे अपनी आंखों की पुतलियों को दिखाकर डीलर से राशन ले सकेंगे।

विभाग की ओर से की गई एक अन्य व्यवस्था में उन बुजुर्ग लोगों को राहत दी गई है जो दुकान तक चलकर या किसी भी तरह से नहीं आ सकते। 55 साल से ऊपर आयु के ऐसे सस्ती दर के राशन के पात्र बुजुर्गों को विभाग की ओर से फूड कूपन दिए गए हैं। राज्य में डीलरों के पास आईरिश रीडर मशीन दी जा रही है। वर्तमान में राज्य की आधी राशन डिपो दुकानों पर यह मशीन पहुंच चुकी है।

                                          साभार- ईएनसी टाईम्स

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