आधार और पैन कार्ड को एक दुसरे से लिंक करने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि आयकर रिटर्न के लिए आधार को जरूरी नहीं किया जा सकता है। हां किंतु कोर्ट ने इतना साफ कहा कि जिन लोगों के पास पैन कार्ड और आधार कार्ड दोनों हैं उन्हें अपना आईटी रिटर्न भरते हुए पैन से आधार लिंक कराना होगा अन्यथा वो आईटी रिटर्न फाइल नहीं कर सकते हैं। जिनके पास आधार कार्ड नहीं है वो लोग पैन कार्ड से भी आईटी रिटर्न भर सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले से कई लोगों को राहत मिली है खासकर उन लोगों को जिनके पास आधार कार्ड नहीं है क्योंकि अब वो आधार कार्ड को पैन कार्ड से लिंक कराए बगैर भी इनकम टैक्स रिटर्न फाइल कर सकते हें।

बता दें कि इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट का आखिरी फैसला आना बाकी है लेकिन तब तक के लिए लोगों को यह सुविधा दे दी गई है। दरअसल सरकार का मानना है कि आधार कार्ड को पैन कार्ड से जोड़ने पर देश में फर्जी पैन कार्ड पर अंकुश लगाया जा सकेगा। सरकार का कहना है कि आधार पूरी तरह सुरक्षित और मजबूत व्यवस्था है जिसके द्वारा एक व्यक्ति की पहचान को फर्जी नहीं बनाया जा सकता था। वहीं दूसरी ओर सरकार के कदम का विरोध करते हुए याचिकाकर्ताओं ने पीठ के समक्ष दावा किया कि आधार एक्ट में हर नागरिक के लिए आधार कार्ड बनवाना अनिवार्य नहीं रखा गया है। आधार से निजता का हनन होने का मसला सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ के सामने लंबित है। साथ ही उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अदालत के 2015 के उस आदेश का अवहेलना नहीं कर सकती जिसमें आधार को स्वैच्छिक बताया गया था।

गौरतलब है कि सरकार ने एक जुलाई से इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने के लिए आधार कार्ड को भी लिंक करना बाध्यकारी कर दिया था। इस तरह धारा 139एए में आयकर रिटर्न दाखिल करते समय आधार कार्ड की संख्या लिखना या आधार आवेदन के कार्ड हेतु पंजीकरण की जानकारी देना जरूरी हो गया है।

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