गाय भारतीय राजनीति का हिस्सा बन गई है, भारतीय राजनीति एक ऐसे दौर पर पर पहुंच चुकी हैं, जहां विकास के मुद्दों को छोड़कर बाकी सभी मुद्दों पर चुनाव लड़ा जाता है। गौरक्षा के नाम पर कहीं मारकाट हो रही है तो कोई राजनीतिक पार्टी इस नाम पर वोट लूट रही है।  इसी राह पर अब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी चल पड़े हैं। नीतीश कुमार ने उद्योगपतियों के साथ एक बैठक में उन्हें गोसेवा के लिए आगे आने के लिए कहा है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पटना स्थित सचिवालय में मुख्यमंत्री ने उद्योगपतियों के साथ बैठक में गायों के लिए गोशाला बनाने की बात कही। प्रदेश में औद्योगिक विकास को लेकर चल रही इस बैठक में उन्होंने गाय के मूत्र और गोबर की उपयोगिता का बखान किया।

एक अखबार ने सूत्र के हवाले से बताया है कि नीतीश कुमार की बात सुनकर कुछ उद्योगपति बड़े हैरान थे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा,”गाय सिर्फ दूध देने के लिए ही लाभकारी नहीं है, बल्कि उसके गोबर और मूत्र भी ऑर्गेनिक खाद और कीटनाशक तैयार करने के लिए आवश्यक है। मैं आप सभी से प्रदेश में गोशाला के निर्माण में सहयोग देने का अनुरोध करता हूं।”

हालांकि, वहां बैठे अधिकांश उद्योगपति यह समझने में थोड़ा कंन्फ्यूज रहें कि नीतीश ने उनसे यह बात मजाकिया लहजे में कही या फिर गंभीरता के साथ। मगर, कुछ उद्योगपतियों ने माना कि मुख्यमंत्री ने गोशाला वाली बात पूरी ईमानदारी और गंभीरता के साथ कही।

वहीं, इस बैठक के संबंध में बिहार इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष ने भी अपनी राय रखी है। रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने बताया कि सीएम ने यह बयान हल्के-फुल्के अंदाज में बयान किया।

हालांकि, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार प्रदेश में डेरी उद्योग को बढ़ाने के लिए अक्सर बातें करते रहे हैं। कई बार उन्होंने बिहार स्टेट मिल्क को-ऑपरेटिव फेडरेशन लिमिटेड (कॉम्फेड) के विस्तार की बात की है।

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