केरल से फैला निपाह वायरस अब धीरे-धीरे पूरे देश में फैलता जा रहा है जिसकी वजह से लोगों मं दहशत पैदा हो रही है। हिमाचल प्रदेश के नाहन में बर्मा पापड़ी सीनियर सेंकेंडरी स्कूल में बुधवार को बड़ी सख्यां में मरे हुए चामगादड़ मिलने से लोगों में दहशत फैल गई है। फिलहात चमगादड़ों के सैंपल को जांच के लिए जालंधर और पुणे लैब में भेज दिए गए हैं।
मरे हुए चमगादड़ के मिलने की सूचना पर अधिकारी मौके पर पहुंचे और उन्होंने स्कूली बच्चों समेत स्थानीय लोगों को भी निपाह वायरस के लक्षण और बचाव संबंधी जानकारी दी है। हालांकि अधिकारियों ने निपाह वायरस की आशंकाओं को खारिज कर दिया है। दक्षिण भारत में निपाह वायरस से मौत के मामले सामने आने के बाद हिमाचल को भी अलर्ट कर दिया गया है। देवभूमि आ रहे सैलानियों की वजह से यहां भी वायरस के पहुंचने की आशंका बढ़ गई है।
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यही नहीं स्वास्थ्य सेवाएं निदेशालय ने सभी सीएमओ को निर्देश जारी कर सावधान रहने को कहा है। स्वास्थ्य सेवाएं निदेशक डॉ. बलदेव कुमार ने कहा कि दक्षिण भारत में निपाह वायरस के मामले सामने आने के बाद से हिमाचल अलर्ट है। अधिकारियों को रूटीन में इस बारे में बता दिया गया है कि वे अपडेट रहें।
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क्या है निपाह वायरस
चिकित्सकों के अनुसार निपाह वायरस तेजी से उभर रहा है। ये जानवरों और इंसानों में गंभीर बीमारी को जन्म देता है। इसका सबसे पहले 1998 में मलेशिया के निपाह कम्पंग सुंगाई से पता चला था। इसीलिए इसका नाम निपाह वायरस रखा गया।तब इस बीमारी के वाहक सूअर थे। 2004 में बांग्लादेश में कुछ लोग खजूर के पेड़ से निकलने वाले तरल को चखने से इस वायरस की चपेट में आए। उस वक्त इस वायरस का वाहक चमगादड़ था। इसे फ्रूट बैट कहा जाता है।
इसके संक्रमण से सांस लेने से जुड़ी गंभीर बीमारी हो सकती है या फिर जानलेवा इंसेफ्लाइटिस भी अपनी चपेट में ले सकता है, जिसमें दिमाग को नुकसान होता है। इससे मरीज कोमा में भी जा सकता है। इस बीमारी को दूर करने के लिए अभी तक कोई इंजेक्शन नहीं है। 5 से 14 दिन तक इसकी चपेट में आने के बाद यह वायरस तीन से 14 दिन तक तेज बुखार और सिरदर्द की वजह बन सकता है।
उल्लेखनीय है कि केरल में निपाह जैसे जानलेवा वायरस से अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है।