तीन तलाक, हलाला और बहुविवाह जैसी प्रथाओं के खिलाफ पीड़ित महिलाओं की बड़ी आवाज बन चुकी बरेली की आला हजरत खानदान की बहू निदा खान को कोर्ट से बड़ी जीत मिली है। बरेली की जनपद न्यायालय ने बड़ा फैसला लेते हुए, निदा खान दलील को स्वीकार कर उनके पति द्वारा दिये गये तीन तलाक को खारिज कर दिया है। अदालत ने उनके पति पर घरेलू हिंसा का मुकदमा चलाने के आदेश दिया है। कोर्ट के इस आदेश के बाद बरेली के प्रतिष्ठित आला हजरत खानदान की बहू निदा खान को बड़ी कामयाबी मिली है। कोर्ट के फैसले का निदा खान ने स्वागत करते हुए कहा कि इससे साफ हो गया कि वह कानूनी तौर पर शीरान रजा खां की पत्नी हैं।
चर्चित आला हजरत खानदान की बहू हैं निदा खान
निदा की शादी साल 16 जुलाई 2015 को आला हजरत खानदान के उस्मान रजा खां उर्फ अंजुम मियां के बेटे शीरान रजा खां से हुई थी। निकाह के कुछ महीने बाद ही निदा के शौहर शीरान रजा खां ने उन्हें तीन तलाक दे दिया था। निदा का आरोप है कि, शादी के कुछ समय बाद ही दहेज के लिए प्रताड़ित किया जाने लगा और मांग पूरी नहीं होने पर उन्हें 3 बार ‘तलाक, तलाक, तलाक’ कहकर घर से मारपीट कर निकाल दिया गया। जिसके बाद निदा ने इंसाफ के लिये अदालत से गुहार लगाई थी।
तीन तलाक का विरोध करने पर हुक्काक-पानी बंद
इससे पहले बीते सोमवार 16 जुलाई को हलाला, तीन तलाक और बहुविवाह के खिलाफ आवाज बुलंद करने वाली निदा खान को इस्लातम से बाहर करने का ऐलान किया था। बरेली के प्रतिष्ठित आला हजरत दरगाह ने इसे लेकर एक फतवा जारी किया था। वहीं फतवा जारी होने के बाद निदा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पलटवार किया और कहा कि फतवा जारी करने वाले पाकिस्तान चले जाएं।
फतवा पर निदा ने किया पलटवार
जुझाड़ू निदा खान ने फतवा देने वालों पर जमकर पलटवार करते हुए कहा था कि, भारत एक लोकतांत्रिक देश है, यहां दो कानून नहीं चलेंगे। निदा ने कहा कि किसी मुस्लिम को इस्लाम से खारिज करने की हैसियत किसी की नहीं है, सिर्फ अल्लाह ही दोषी और निर्दोष का फैसला कर सकता है।