राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों की मदद करने के आरोप में रविवार को दिल्ली से गोपालगंज  के एक युवक को गिरफ्तार किया। महफूज आलम नाम का आतंकी मूल रूप से बिहार के ही गोपालगंज का रहने वाला है। गिरफ्तारी के बाद आतंकी महफूज को दिल्ली स्थित कोर्ट में पेश भी किया गया है। जानकारी के मुताबिक महफूज को दो दिनों के रिमांड पर लिया गया है। रिमांड पर लेते ही महफूज आलम ने कई राज उगलने शुरू कर दिए हैं. इस गिरफ्तारी से लश्कर-ए-तैयबा के लिए पैसा जुटाने के बड़े नेटवर्क का खुलासा हुआ है।  पता चला है कि यूपी के हवाला कारोबारी भी आतंकियों के लिए फंड जुटा रहे थे।

एनआईए के आधिकारिक प्रवक्ता के मुताबिक, आलम चौथा व्यक्ति है, जिसे एनआईए ने पिछले साल दिसंबर में दर्ज मामले के सिलसिले में गिरफ्तार किया है। यह मामला महाराष्ट्र निवासी अब्दुल नईम शेख की गिरफ्तारी के बाद दर्ज किया गया था।  एनआईए प्रवक्ता के अनुसार आलम ने शेख को साजो-सामान, वित्तीय समर्थन और आश्रय मुहैया कराए। वह लश्कर-ए-तैयबा का सक्रिय कार्यकर्ता था और उसने बिहार, ओडिशा, उत्तर प्रदेश और जम्मू कश्मीर की यात्रा की। साथ ही उसने पाकिस्तान स्थित अपने आकाओं की सलाह पर वहां कैंप बनाए। महफूज ने अपने पहचान पत्र के जरिए नईम को वेस्टर्न यूनियन मनी ट्रांसफर आदि से विदेशों से पैसा मंगाने में मदद की। इस पैसे का इस्तेमाल नईम ने देश में आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए किया।

वहीं महफूज से पूछताछ के बाद मुजफ्फरनगर के दो हवाला कारोबारियों के घर एनआईए की छापेमारी की गई। पता चला है कि लश्कर आतंकी शेख अब्दुल नईम, महफूज आलम को बिहार के साथ-साथ उत्तर प्रदेश, उड़ीसा और जम्मू कश्मीर में लश्कर के ठिकाने बनाने में मदद कर रहा था।

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