भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) ने सैलानियों को भगवान गौतम बुद्ध के जीवन से जुड़े तीर्थस्थलों की सैर कराने वाली बौद्ध सर्किट ट्रेन सेवा के दस साल पूरे होने पर इस साल से उसे आधुनिक कलेवर प्रदान किया है जो पर्यटकों को खूब भा रहा है। राजधानी के सफदरजंग रेलवे स्टेशन से इस सीज़न की पहली बौद्ध सर्किट ट्रेन को रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अश्वनी लोहानी ने हरी झंडी दिखा कर रवाना किया। यह ट्रेन 2007 में शुरू हुई थी जो राजधानी एक्सप्रेस में लगने वाले कोचों को जोड़ कर बनायी जाती थी लेकिन अब कपूरथला की रेल कोच फैक्टरी में निर्मित 12 आधुनिक एलएचबी कोच का डीलक्स रैक लाया गया है जिसमें अनेक आकर्षक सुविधाएं पहली बार पेश की गयीं हैं जबकि सात दिन-आठ रात वाले पैकेज का किराया बहुत ही किफायती रखा गया है।

लोहानी ने इस मौके पर संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि इस गाड़ी से भगवान बुद्ध के जीवन से जुड़े उत्तर भारत के प्रमुख स्थानों-बोधगया, राजगीर (नालंदा), वाराणसी (सारनाथ), लुम्बिनी, कुशीनगर और श्रावस्ती की सैर के बाद आगरा में ताजमहल देखने का भी मौका मिलेगा। उन्होंने कहा कि नयी आधुनिक बौद्ध सर्किट ट्रेन में अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों को ध्यान में रख कर पंचतारा विश्वस्तरीय सुविधाएं प्रदान की गयीं हैं जबकि किराया अन्य लग्ज़री गाड़ियों की तुलना में बेहद किफायती रखा गया है।

इस नये रैक में 12 कोच हैं। इनमें चार कोच एसी-प्रथम, दो एसी-द्वितीय, दो डायनिंग कार, एक रसोईयान, एक स्टाफ कोच और दो पावर कार शामिल हैं। गाड़ी में 156 पर्यटकों के लिए स्थान है। एसी-2 कोच में 30-30 और एसी-1 कोच में 24-24 पर्यटक यात्रा कर सकते हैं। पूरे पैकेज के लिए वातानुकूलित प्रथम श्रेणी का प्रति व्यक्ति किराया लगभग 85 हजार रुपए तथा वातानुकूलित द्वितीय श्रेणी का किराया लगभग 70 हजार रुपये प्रति व्यक्ति है। इस साल की पहली यात्रा में करीब 70 पर्यटक गये हैं जिनमें अधिकांश पर्यटक एसी-1 में यात्रा कर रहे हैं।

नयी ट्रेन में पांच सितारा रेस्त्रां की तर्ज पर बनायी गयी डायनिंग कार में 64 पर्यटक एक साथ भोजन कर सकते हैं जबकि आधुनिक उपकरणों से सुसज्जित रसोई में शाकाहारी एवं मांसाहारी भोजन अलग-अलग बनाने की व्यवस्था है। ओवन, आइस क्यूब मेकर, आरओ मशीन आदि के साथ ही भोजन पकाने एवं परोसने के लिए अलग-अलग बर्तन होंगे। सैलानियों के नये एसी-1 और एसी-2 कोचों में हर सीट के लिए डिजिटल लॉकर लगाये गये हैं। एसी-2 कोच की डिजायन में आकर्षक बदलाव किया गया है। इसमें साइड की बर्थ की जगह यात्रियों के बैठने के लिए खास तरह की आरामदेह कुर्सियां रखीं गईं हैं।

हर सीट पर रीडिंग लाइट दी गई है। एसी-2 कोच में एक छोटी सी लाइब्रेरी भी दी गयी है। इसके अलावा पांव का मसाज करने के लिए मशीन भी लगायी गयी है। गाड़ी में पहली बार बायोटॉयलेट लगाये गये हैं जिसमें शॉवर, गीज़र, यूरिनल आदि की व्यवस्था की गयी है। गाड़ी के इंटीरियर को बेहतरीन कलर स्कीम के साथ सजाया गया है। समूची गाड़ी में सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाये गये हैं।

-साभार, ईएनसी टाईम्स

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here