केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि बदली परिस्थितियों में ‘सिविल डिफेंस’ यानी नागरिक रक्षा संगठन में युवाओं को महत्वपूर्ण भूमिका दिये जाने की जरूरत है। राजनाथ सिंह ने गुरुवार को यहां सिविल डिफेंस और होम गार्ड्स के स्थापना दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि सिविल डिफेंस संगठन के ढांचे में बदलाव की जरूरत है जिससे कि वह आपदाओं और शांतिकाल में प्रभावशाली भूमिका निभा सके। उन्होंने कहा कि सिविल डिफेंस की उपयोगिता के बारे में किसी को कोई संदेह नहीं है और संगठन ने प्राकृतिक आपदाओं तथा संकट की घड़ी में राष्ट्र की सेवा की है।

उन्होंने कहा,“आपदाओं के समय आप लोगों को सहायता पहुंचाने में सबसे आगे रहे हैं लेकिन बदलते समय में संगठन में वार्डन स्तर पर युवाओं को नेतृत्व की भूमिका में लाने की जरूरत है।” गृह मंत्री ने कहा कि कारगिल युद्ध के बाद मंत्रियों के समूह तथा अन्य समितियों की सिविल डिफेंस को प्रभावशाली बनाने के लिए उसमें संगठनात्मक बदलाव की सिफारिशों पर ध्यान दिये जाने की जरूरत है। सिविल डिफेंस की उपयोगिता बढाने के उपायों पर विचार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस दिशा में समर्पित वार्डनों की नियुक्ति , प्रशिक्षण संस्थानों की स्थापना और उन्हें वित्तीय रूप से सशक्त बनाने के कदम उठाये जा सकते हैं।

राजनाथ सिंह ने मंत्रालय, राज्य पुलिस, राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, सिविल डिफेंस तथा होम गार्ड्स के अधिकारियों से सिविल डिफेंस और होम गार्ड्स के अधिक से अधिक इस्तेमाल के लिए इन संगठनों के स्वयंसेवकों की जिम्मेदारियों और भूमिका का विश्लेषण करने को कहा गृह मंत्री ने इस मौके पर वीरता के लिए अग्निशमन सेवा को राष्ट्रपति का एक पदक , वीरता के लिए 9 पदक, विशिष्ट सेवा के लिए 17 पदक, होम गार्ड्स और सिविल डिफेंस को उत्कृष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति के 14 पदक प्रदान किये। समारोह में सिविल डिफेंस और होम गार्ड्स के महानिदेशक संजय कुमार, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य कमल किशोर और गृह मंत्रालय में संयुक्त सचिव संजीव जिंदल तथा कई अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया।

-साभार, ईएनसी टाईम्स

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