झारखण्ड पुलिस के लिए सरदर्द बने 15 लाख के इनामी और मोस्ट वांटेड खूंखार नक्सली कमांडर कुंदन पाहन ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया है। लगभग 17 सालों से कुंदन झारखंड पुलिस का सरदर्द बना हुआ था। पाहन का नाम तब सुर्ख़ियों में आया था जब उसने बुंडू के पास आईसीआईसीआई बैंक के कैश वैन से 5.5 करोड़ रुपये और एक किलो सोना लूटा लिया था। कुंदन पर 100 से अधिक हत्या का आरोप है, जिसमे सबसे चर्चित पुलिस इंस्पेक्टर फ्रांसिस इंदवार की हत्या है। इस हत्याकांड को उसने तालिबानी तरीके से अंजाम दिया था। हत्या करने के बाद उसके सिर को लाश से 10 फीट दूर रख दिया था। कुंदन पाहन पर विधायक रमेश सिंह मुंडा और सांसद सुनील महतो की हत्या के साथ साथ कई पुलिस कर्मियों और आम लोंगों की हत्या का आरोप है। कुंदन पर सूबे के विभिन्न थानों में 120 से अधिक आपराधिक मामले दर्ज है।

आत्मसमर्पण के बाद कुंदन पाहन ने मुख्यधारा में लौटने की खुशी जाहिर की और उसने अपने भटके हुए साथियों को भी मुख्यधारा से जुड़ने की अपील की। उसने अपने संबोधन में यह भी कहा कि 2009 में पुलिस ने उसे नहीं पकड़ा था न ही पुलिस विभाग के पास उसकी कोई तस्वीर थी। कुंदन ने राज्य में हुई बड़ी नक्सली वारदातों में अपनी संलिप्तता को भी स्वीकार किया। इस अवसर पर कुंदन के परिवार के सभी सदस्य मौजूद थे। कुंदन के आत्मसमर्पण से बेटी सहित पूरा परिवार भी खुश है। दूसरी तरफ पुलिस विभाग भी इसे बड़ी सफलता मान रहा है। एडीजी आर के मलिक ने इसे राज्य सरकार की सरेंडर पालिसी की बड़ी सफलता बताते हुए कहा कि लोगों में पुलिस के प्रति फैली भ्रांतियां अब दूर हो रही हैं। यही वजह है कि कई नक्सली अब तक आत्मसमर्पण कर चुके हैं।

झारखंड पुलिस की आत्मसमर्पण नीति के तहत अब तक करीब 100 से अधिक नक्सली ने सरेंडर कर चुके हैं। इनमें कुंदन पाहन का सरेंडर करना झारखंड पुलिस और इनकी सरेंडर पॉलिसी के लिए एक मिल का पत्थर साबित होगा। कुछ दिनों पहले झारखण्ड पुलिस और सीआरपीएफ ने एक बड़ी कामयाबी के तहत हार्डकोर नक्सली नकुल और मदन का सरेंडर कराया था। नकुल के ऊपर 15 लाख और मदन के ऊपर 5  लाख रूपये का पुलिस ने इनाम रखा था।  दोनों की निशानदेही पर पुलिस ने भारी मात्रा  में हथियार भी बरामद किया था।

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