पंजाब सरकार के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू पाकिस्तान में करतारपुर कॉरिडोर को लेकर आयोजित होने वाले कार्यक्रम में हिस्सा लेने पाकिस्तान पहुंच गए हैं। पिछले हफ्ते ही पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने नवजोत सिंह सिद्धू को आमंत्रण भेजा था।

वह बुधवार को कॉरिडोर पर आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। इस कार्यक्रम में नवजोत सिंह सिद्धू के अलावा विदेश मंत्री सुषमा स्वराज व पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को भी कार्यक्रम में शामिल होने का पाकिस्तान ने निमंत्रण दिया था। जिसे उन्होंने सिरे से खारिज कर दिया था।

सिद्धू अटारी- वाघा बॉर्डर के रास्‍ते पाकिस्‍तान गए। लाहौर पहुंचने पर सिद्धू ने कहा कि यह कॉरिडोर दोनों देशों के बीच अच्‍छे संबंध की बुनियाद साबित होगा और पुल का काम करेगा। सिद्धू ने खुद को श्री गुरुनानक के शांति का दूत बताया।

लाहौर में मीडिया से बात करते हुए सिद्धू ने कहा, यह कॉरिडोर अनंत संभावनाओं, शांति, समृद्धि, व्यापार संबंधों को खोलने का गलियारा है। मैं समझता हूं श्री करतारपुर कॉरिडोर भारत और पाकिस्‍तान के बीच अच्छे रिश्‍ते स्‍थापित करने में पुल का काम करेगा व दुश्‍मनी को समाप्‍त करेगा। यह दोनों लोगों के बीच बेहतर संबंध बनेगा और शांति कायम होगी।

बता दें भारत में उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने सोमवार को डेरा बाबा नानक-करतारपुर साहिब सड़क गलियारे की आधारशिला रखी। यह सड़क गुरदासपुर जिले के मान गांव से पाकिस्तान से लगने वाली अंतरराष्ट्रीय सीमा तक जाएगी।

भारत सरकार ने 2019 में गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाश पर्व के उपलक्ष्य में करतारपुर सड़क गलियारे के निर्माण का फैसला 22 नवंबर, 2018 को लिया था। इस कॉरिडोर के निर्माण से सिख श्रद्धालु पाकिस्तान में गुरुद्वारा करतारपुर साहिब में मत्था टेक सकेंगे।

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