बिहार में महिलाओं की सुरक्षा की जिम्मेदारी अब बिहार प्रशासन और सरकार के हाथों में नहीं बल्कि राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग देख रही है। ऐसा इसलिए क्योंकि एक महिला के निर्वस्त्र होने से आयोग ने सरकार औऱ प्रशासन को भी निर्वस्त्र मान लिया है। इस बाबत आयोग ने बिहार सरकार को नोटिस भेजा है। आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को भी नोटिस भेजकर चार सप्ताह में जवाब तलब किया है। आयोग ने पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिया है कि पीड़ित महिला और उनके परिजनों को सुरक्षा मुहैया कराई जाए। वहीं, यह भी सुनिश्चित करने को कहा कि कोई भी अपराधी पीड़ित या उनके परिवार वालों को डरा और धमका न सकें। मुख्य सचिव से मामले में पूरी विस्तृत रिपोर्ट तलब की गई है।
बता दें कि अब तक इस मामले में पुलिस ने 360 लोगों के खिलाफ 3 मुकदमें दर्ज किए हैं। जिनमें नामजद 15 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इन सभी लोगों से पूछताछ चल रही है और पुलिस उन लोगों को पहचानने की कोशिश कर रही है जो महिला को निर्वस्त्र कर उसे पीटने और बाजार घुमाने के लिए शामिल थे। इस मामले को काफी शर्मनाक बताया जा रहा है।
आयोग के मुताबिक, बिहिया में युवक के जीने के अधिकार के साथ ही पीड़ित महिला के जीवन और गरिमा के अधिकारों का भी हनन हुआ है. मामले में एफआईआर दर्ज किए जाने और कुछ पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई को आयोग नाकाफी मान रहा है। नोटिस भेजने के दौरान आयोग ने माना है कि बिहिया की घटना साफ तौर पुलिस अधिकारियों और स्थानीय प्रशासन की लापरवाही का संकेत है।