चारा घोटाला मामले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद यादव को 30 अगस्त तक सरेंडर करना होगा। झारखंड हाईकोर्ट ने चारा घोटाला मामले में दोषी लालू की प्रोविजनल बेल की अवधि को और आगे बढ़ाने से इंकार कर दिया है। साफ है हाई कोर्ट के इस फैसले के बाद लालू को फिर से जेल जाना पड़ेगा। लालू यादव इस झारखंड हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट भी जा सकते हैं।

दरअसल, लालू बीते डेढ़ महीने से मुंबई के एशियन हार्ट इंस्टीट्यूट में दिल और किडनी की बीमारी का इलाज करा रहे हैं। लालू से अस्पताल में लोग मिलने आ रहे हैं और वह बातचीत भी कर रहे हैं।

हालांकि अस्पताल सूत्रों का कहना है कि लालू यादव की हालत अच्छी नहीं है। उनके दिल मे  ब्लॉकेड है और किडनी में भी इन्फेक्शन है। लालू यादव को शुगर और ब्लड प्रेशर की भी शिकायत है जिसके चलते उनके इलाज भी धीमी गति से हो रहा है।

यहां लालू से मिलने के लिए उनके परिजन और नेता अक्सर आते रहते हैं। शुक्रवार को ही सुबह महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष अशोक चव्हाण और विधायक नसीम खान ने लालू से मुलाकात की। लालू ने उनसे राजनीतिक चर्चा भी की लेकिन चव्हाण ने कहा कि यह सिर्फ औपचारिक मुलाकाता थी। चव्हाण ने भी यह माना कि लालू की तबीयत ठीक नहीं है और वह कमजोर हैं।

इन सबके बीच अस्पताल प्रशासन ने कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया। उनका कहना है कि अस्पताल प्रशासन कुछ भी बताने के लिए अधिकृत नहीं है जो भी बोलना होगा वह लालू का परिवार ही बोलेगा। अस्पताल के सूत्रों का कहना है कि वह सिर्फ इलाज कर सकते हैं, अगर कोई अदालती आदेश आता है तो वह उसका पालन करेंगे।

इधर झारखंड हाईकोर्ट से आए आदेश के बाद लालू के करीबी लोगों का कहना है कि आदेश की कॉपी मिलने के बाद ही वह अस्पताल की रिपोर्ट्स के आधार पर सुप्रीम कोर्ट जाएंगे और मांग करेंगे कि उन्हें अस्पताल में ही बंदी रखा जाए ताकि उनका इलाज यहां हो सके।

एपीएन ब्यूरो

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