मोदी सरकार तीन तलाक के बाद अब मुस्लिम महिलाओं को एक और तोहफा देने जा रही हैं। मोदी सरकार नई हज नीति लाने जा रही है जिसके तहत मुस्लिम महिलाएं बिना किसी मेहरम (पति, पिता या भाई) के भी स्वतंत्र रूप से हज यात्रा कर सकेंगी।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर अमल करते हुए नई हज नीति में सब्सिडी की व्यवस्था खत्म करने को भी हरी झंडी दे दी गई है। इस नई नीति में हज यात्रियों को देश में बेहतर सुविधाएं देने पर जोर दिया गया है। इसके लिए हज रवानगी स्थलों की संख्या 21 से घटाकर नौ की जाएगी। इनमें दिल्ली, लखनऊ, कोलकाता, अहमदाबाद, मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद, बेंगलुर और कोच्चि शामिल हैं। इन जगहों पर सरकार अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस हज हाऊस का निर्माण करेगी। जो प्रस्थान स्थल इस सूची से बाहर हैं, वहां हज यात्रियों के लिए बनी सुविधाओं का इस्तेमाल शैक्षिक गतिविधियों के लिए किया जाएगा

अभी तक कोई भी मुस्लिम महिला अपने खून के रिश्ते वाले रिश्तेदार के बिना हज पर नहीं जा सकती थी। नई नीति के तहत, 45 साल की उम्र पार चुकी चार या उससे अधिक मुस्लिम महिलाएं एक साथ हज यात्रा पर जा सकती हैं। सऊदी अरब भी 45 और इससे अधिक उम्र की महिलाओं को हज के लिए प्रवेश की अनुमति देता है।

गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने 2022 तक धीरे-धीरे हज सब्सिडी खत्म करने का आदेश दिया था। सरकार ने सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी अफजल अमानुल्ला की अध्यक्षता में नई हज नीति पर सुझाव देने के लिए समिति बनाई थी, जिसने अपनी रिपोर्ट दे दी है। मुख्तार अब्बास नकवी ने नई हज नीति को पारदर्शी और जनता के अनुकूल बताया है। इसमें हज समिति और निजी टूर ऑपरेटरों के अनुपात को भी साफ कर दिया गया है। इसके तहत 70 फीसदी यात्री हज समिति के जरिए और 30 फीसदी निजी टूर ऑपरेटरों के जरिए जाएंगे।

इसके अलावा सरकार गरीब मुसलमानों को हज यात्रा का सस्ता विकल्प मुहैया कराने पर विचार कर रही है। इसके लिए समुद्री जहाज से यात्रा की सुविधा दी जा सकती है। सरकार इसके लिए सऊदी अरब से बात करेगी, साथ ही अंतरराष्ट्रीय कंपनियों से जरूरी टेंडर भी मंगाएगी। अभी तक सिर्फ हवाई जहाज से हज यात्रा संभव थी, जो काफी महंगी होती है।

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