हर साल की तरह इस साल भी राष्ट्रपति भवन का मुगल गार्डन 6 फरवरी से 10 मार्च 2019 तक आम जनता के लिए खोला जा रहा है। गार्डन सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक खुलेगा। जबकि 11 मार्च का दिन सैनिकों, पुलिसकर्मियों, दृष्टिहीनों, दिव्यांगों और किसानों के लिए होगा।

हर साल बड़ी संख्या में लोग यहां आते हैं। एंट्री के लिए लाइनें लग जाती हैं। जिसके चलते इस बार एंट्री की ऑनलाइन व्यवस्था की गई है। आप घर बैठे उस वक्त का स्लॉट ऑनलाइन बुक करा लीजिये। इसके लिए आपको rashtrapatisachivalaya.gov.in पर जाकर Plan your visit टैब पर क्लिक करना है।

इसके बाद एक नया पेज खुलेगा जहां से आप ऑनलाइन बुकिंग करा सकते हैं। आपको टाइम बुक होने का एसएमएस आ जाएगा। निर्धारित वक्त पर पहुंचें, एसएमएस दिखाकर सीधे अंदर चले जाइये। लाइन में लगने की जरूरत ही नहीं। मेट्रो से मुगल गार्डन पहुंचने के लिए आपको सेंट्रल सेक्रेटेरिएट मेट्रो स्टेशन पर उतरना होगा।

यह मेट्रो स्टेशन वायलेट और येलो मेट्रो लाइन से जुड़ा है। मुगल गार्डन जाने के लिए आपको इस मेट्रो स्टेशन से रेल भवन की तरफ से बाहर निकलना होगा। यहां से आप राष्ट्रपति भवन का गेट नंबर 35 आसानी से पहुंच सकते हैं। प्रवेश के लिए अपने साथ आईकार्ड जरूर लाएं।

क्या-क्या है इस बगिया में

मुगल गार्डन में फूलदार डेकोरेटिव पेड़-पौधे, फव्वारे और फूलों के कारपेट आपका मन मोह लेंगे। यहीं दिखेगा रंग-बिरंगी वैराइटीज और निराली छटा बिखेरता ट्यूलिप। मोगरा-मोतिया, रजनीगंधा, बेला, रात की रानी, जूही, चम्पा-चमेली सरीखे पौधे भी आसपास दिखाई देंगे।

गुलाब की तकरीबन 135 किस्मों वाला रोज गार्डन हैं। गार्डन के सुपरिंटेन्डेन्ट पी.ए. जोशी के अनुसार, क्वीन एलिजाबेथ, मदर टेरेसा, एंजलिक, ब्लू मून, ब्लैक रोज या ऑक्लोहोमा, ब्लैक बकारा और ग्रीन रोज जैसी डेकोरेटिव और खुशबू वाली दोनों वैराइटी इनमें शामिल हैं।

बेहद खूबसूरत नजारे वाले इस गार्डन के बीचों-बीच है ट्यूलिप के फूलों से सज्जित पानी का सुंदर ताल। अलौकिकता और कमनीयता का एहसास कराते फूल और महकती बेलें। चंदन, बेर, रीठा, रुद्राक्ष, खजूर, क्रिसमस-ट्री, कल्पवृक्ष, कृष्णा बड़, खैर, शमी आदि विभिन्न धार्मिक विश्वासों से जुड़े पेड़-पौधों से सुसज्जित यह गार्डन आपको ऐतिहासिकता और पौराणिकता के माहौल का एहसास कराएगा।

इसमें हैं अश्वगंधा, ब्राह्मी, लैमन-ग्रास, पांच प्रकार की मिंट, खस, ईसबगोल, खुशबूदार ऑयल वाला जिरेनियम, हडजोड़ और स्टीविया जैसे औषधीय और घरेलू उपयोग के पेड़-पौधे। बायीं ओर है म्यूजिकल या संगीतमय फव्वारा गार्डन, जिसमें संगीत के साथ फव्वारे चलते हैं। मुगल गार्डन की खास बात यह है कि 95 प्रतिशत फूल हिंदुस्तानी हैं।

क्या ले जाये क्या न ले जाए

छोटा लेडीज पर्स, मोबाइल साथ ले जा सकते हैं। बैग, बड़ा लेडीज पर्स, छाता, पानी की बोतल और खाने-पीने का सामान, चाकू, हथियार नहीं ले जा सकते। पीने का पानी, टॉयलेट, फर्स्ट एड की सुविधा और थक जाने पर रेस्ट की जगह अंदर उपलब्ध है। दिव्यांगों के लिए व्हील चेयर गेट पर ही मिल जाएगी।

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