Mohammed Zubair: दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को ऑल्ट न्यूज़ के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर की पुलिस रिमांड की वैधता को चुनौती देने वाली याचिका पर दिल्ली पुलिस से सवाल किया। दरअसल, 2018 में एक हिंदू देवता के खिलाफ कथित तौर पर आपत्तिजनक ट्वीट करने के आरोप में जुबेर को गिरफ्तार किया गया है। अदालत की सुनवाई के बाद, न्यायमूर्ति संजीव नरूला ने याचिका पर एक नोटिस जारी किया और पुलिस को याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने के लिए दो सप्ताह का समय दिया है।
वकील ने Mohammed Zubair को बैंगलुरु ले जाने पर उठाया सवाल
वहीं मुहम्मद जुबैर की तरफ से वकील वृंदा ग्रोवर ने दिल्ली हाई कोर्ट के सामने दलील देते हुए कहा कि यह मामला 2018 का है। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में अभी कार्रवाई की है। ग्रोवर ने पुलिस रिमांड का विरोध करते हुए दिल्ली पुलिस द्वारा जुबैर को बैंगलुरु ले जाने पर भी सवाल उठाते हुए कहा पब्लिक का पैसा बेकार करने का क्या मतलब है? जबकि यह इतना महत्वपूर्ण मामला नहीं है।
दिल्ली पुलिस ने Mohammed Zubair किया था गिरफ्तार
बता दें कि मोहम्मद जुबैर को 27 जून को दिल्ली पुलिस ने अपने एक ट्वीट के जरिए धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में गिरफ्तार किया था और उसी दिन निचली अदालत ने एक दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया था।
एक दिन की हिरासत में पूछताछ की समाप्ति पर पेश किए जाने के बाद, मुख्य मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट स्निग्धा सरवरिया ने उनकी हिरासत चार दिनों के लिए बढ़ा दी थी। निचली अदालत के आदेश के मुताबिक, जुबैर को चार दिन की पुलिस रिमांड खत्म होने पर दो जुलाई को उसके समक्ष पेश किया जाएगा।
इन धाराओं के तहत दर्ज है मामला
गौरतलब है कि इस महीने की शुरुआत में, जुबैर के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 153 ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान, भाषा, आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और 295 ए (धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य) के तहत मामला दर्ज किया गया था। पुलिस ने कहा कि यह मामला एक ट्विटर यूजर की शिकायत पर दर्ज किया गया था, जिसने उन पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप लगाया था। मामले की अगली सुनवाई 27 जुलाई को होगी।
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