मध्य प्रदेश समेत देश के कई राज्यों में उग्र होते जा कहे किसान आंदोलन के बीच केंद्र सरकार ने किसानों के लिए एक बड़ी घोषणा की है। मोदी सरकार की कैबिनेट ने फैसला लिया है कि किसानों को 9 फीसदी के ब्याज दर पर मिलने वाले कर्ज अब 4 फीसदी की ब्याज दर पर मिलेगा। बाकी का 5 फीसदी ब्याज दर सरकार चुकाएगी। किसान के लिए कृषि ऋण से जुड़ी यह योजना 31 मार्च, 2017 को खत्म हो गई थी लेकिन अब सरकार ने इसे इस साल भी जारी रखने का आदेश दिया है।
ब्याज वापसी की स्कीम के तहत सरकार किसानों को उनके चुकाए ब्याज का 5% हिस्सा उन्हें वापस कर देगी। बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट में पारित प्रस्ताव के मुताबिक यह सुविधा एक साल तक के लिए उगने वाली फसल के लिए होगी और इसके लिए लोन की अधिकतम सीमा 3 लाख होगी। इस योजना में सरकार में कुल 19,000 करोड़ रुपये खर्च करेगी। इस योजना के तहत चालू वर्ष में करीब 20,339 करोड़ का वित्तीय बोझ केंद्र सरकार को उठाना पड़ेगा।
किसान आंदोलन की भीषण क्रांति के दौर में केंद्र द्वारा किसान के कर्ज को लेकर की गई घोषणा से किसान समुदाय पर काफी फर्क पड़ेगा। ऐसे वक्त में जब किसान एक मुश्किल दौर से गुजर रहा है, तभी सरकार की इस घोषणा से छोटे किसानों को काफी लाभ पहुंचेगा। हाल ही में देशभर के कई राज्यों में किसान कर्जमाफी और कृषि व्यवस्था में सुधार करने के लिए सरकार से मांग कर रहे हैं। इस दौरान महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में किसानों ने आंदोलन भी किया। मध्य प्रदेश में आंदोलन ज्यादा उग्र होने की वजह से पुलिस को फायरिंग भी करनी पड़ी जिसमें 6 लोगों की मौत हो गई। इस घटना के बाद पूरे राज्य में किसान आंदोलन ने हिंसात्मक रूप ले लिया। मंदसौर जिला में धारा 144 लगानी पड़ गई और मध्य प्रदेश के 9 जिले हिंसा की आग में जलते रहे।