विश्वभर के सभी देशों की आर्थिक नीतियों के कार्यों की समीक्षा करने व उन्हें निर्धारित करने के लिए जी-20 समूह की फ्रेम वर्क कमिटी के दो दिवसीय सम्मेलन का आज आगाज हो गया है। इस सम्मेलन में हिस्सा लेने विश्वभर से 19 देशों के प्रमुख वित्तीय संस्थानों के करीब 100 प्रतिनिधि वाराणसी पहुंचे हैं। जर्मनी की अध्यक्षता वाले इस सम्मेलन को वित्तमंत्रालय और रिर्जव बैंक द्वारा आयोजित किया गया है। आज से शुरू हुए इस कार्यक्रम में विशेषज्ञ दुनिया के विकासशील और विकसित देशों के बीच खाका खिचनें के साथ-साथ वर्तमान विकास दर(GDP), व्यापार की अड़चनें, रोजगार की संभावनाएं व साथ ही कितना और कहां पूंजी निवेश होगा इन सभी बातों पर गौर किया जाएगा।      

जी-20 की यह बैठक बनारस के वाराणसी में होने वाली है। जी-20 देशों का दो दिवसीय सम्मेलन न केवल भारत बल्कि आर्थिक व आतंकवाद के मोर्चे पर जूझ रहे दुनिया के अन्य देशों की चुनौतियों एवं उनकी समस्याओं के समधान का एक नया रास्ता ढूंढ़ेगा। पर्यटन व मुक्त व्यापार के रास्ते खुलेंगे तो समावेशी विकास का एजेंडा भी सम्मेलन में तैयार करने की कोशिश की जाएगी।

गौरतलब है कि यूपी के पूर्वांचल में होने जा रहे इस सम्मेलन का फायदा तो यूपी को होगा ही होगा, साथ ही कई नए-नए कारोबारी आयाम व पर्यटन के लिए नई रूप-रेखाएं भी उभरकर सामने आएंगी। जी-20 की यह बैठक तीन चरणों में होने वाली है, जिसमें पहला चक्र अन्तराष्ट्रीय चक्र, दूसरा वैश्विक मंदी तथा तीसरा चक्र मौद्रिक नीति पर आधारित होगा। इस सम्मेलन में 19 देशों के साथ-साथ वर्ल्ड बैंक, भारतीय रिर्जव बैंक व अंतराष्ट्रीय श्रम संगठन भी शामिल हुए है।

बनारस के वाराणसी में इसका कार्यक्रम होने के चलते यह भी माना जा रहा है कि, देश-विदेश से लोग इस कार्यक्रम में हिस्सा लेने आए हैं, और वह सभी गंगा आरती और बनारस सभ्यता के बारें में जानेंगे। जोकि बनारस पर्यटन विभाग के लिए खासा फायदेमंद साबित हो सकता है।

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