सरकारी बंगला छोड़ने के बाद 9 मॉल एवेन्यू स्थित अपने आवास में शिफ्ट होने के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने रविवार को प्रेस कांफ्रेंस करते हुए कुछ अहम मुद्दों पर पत्रकारों के साथ बातचीत की। इस बातचीत के दौरान बसपा सुप्रीमो ने भाजपा पर जमकर निशाना साधा और भाजपा पर चुनावी वादा खिलाफी का आरोप भी लगाया। मायावती ने कहा कि ‘भाजपा ने जनता से वादा खिलाफी की है। बीजेपी द्वारा 500 और 1 हजार के नोट पर प्रतिबंद राष्ट्रीय त्रासदी साबित हुई है। नोटबंदी के दौरान आम जनता को खासी समस्याओं का सामना करना पड़ा। बीजेपी का नोटबंदी का फैसला जनता पर आर्थिक इमरजेंसी साबित हुआ है। जिसके लिए भाजपा को जनता से माफी मांगना चाहिए।’
I have no relation with such people. I am only related to the common man, dalits, adivasis & people from backward castes: Former UP CM Mayawati on Bhim Army Chief Chandrashekhar referring to her as ‘Buaji’ (Aunt) pic.twitter.com/nWF5hVjUN5
— ANI UP (@ANINewsUP) September 16, 2018
रुपये पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि ‘अंतराष्ट्रीय बाजार में रुपये की कीमत रिकॉर्ड तोड़ गिरती जा रही है। वहीं पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों ने भी आम आदमी के लिए समस्याएं खड़ी कर दी हैं। देश में रोजगार का संकट बढ़ता जा रहा है। बीजेपी ने अच्छे दिन के सपने दिखाकर देश की जनता का बुरा हाल कर दिया है। धन्ना सेठों को छोड़कर देश में किसी का भी भला नहीं हुआ है।’ बसपा सुप्रीमो ने भाजपा पर ओबीसी व एससी-एसटी वर्ग से भेदभाव करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार खाली पड़े पदों पर भर्तियां नहीं कर रही बस महापुरुषों का नाम लेकर युवाओं को बहलाने का प्रयास कर रही है। इसे लेकर जनता में भाजपा के प्रति भारी नाराजगी है। उन्होंने कहा कि दो अप्रैल को एससी-एसटी एक्ट को लेकर हुए भारत बंद में प्रदर्शन कर रहे अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति के युवाओं को जेल में डाल दिया गया। इससे भाजपा का पिछड़ा व दलित विरोधी चेहरा ही सामने आया है।
बता दे, की 2019 में लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी गठबंधन पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए बसपा सुप्रीमो ने कहा कि ‘बसपा सम्मानजनक सीटों पर ही गठबंधन के लिए तैयार होगी। वरना बसपा अकेले ही चुनाव लड़ेगी।’ उन्होंने आगे कहा कि ‘उनका किसी के साथ भाई-बहन या बुआ भतीजे का रिश्ता नहीं है, लेकिन बीजेपी को रोकने के लिए हम गठबंधन के पक्ष में हैं। बीजेपी की कथनी और करनी में बहुत फर्क है। बीजेपी शासन में मॉब लिंचिंग ने हमारे देश की लोकतांत्रिक छवि को कलंकित कर दिया है। बीजेपी एंड कंपनी के लोगों का कहना है कि इनकी सरकार अटल जी के पदचिन्हों पर काम करती है। अगर ऐसा होता तो गौ हिंसा और साम्प्रदायिक घटना नहीं होती।