नाम में क्या रखा है, पहचान तो व्यक्ति के काम से मिलती है। लेकिन ऐसा नहीं है क्योंकि कभी-कभी ऐसी कंडिशन भी आ जाती है कि नाम को ही हटाकर उसकी पहचान मिटाने की कोशिश की जाती है। इस समय कुछ ऐसा ही हो रहा है। दरअसल, एक बार फिर एक रोड के नाम बदलने से सियासत गरमा गई है। महाराणा प्रताप जयंती के दिन दिल्ली में कुछ अज्ञात उपद्रवियों ने अकबर रोड का नाम बदलकर महाराणा प्रताप रोड करने की कोशिश की, लेकिन मौके पर पहुंची पुलिस ने बोर्ड से पोस्टर हटा दिया। खास बात ये है कि इसी अकबर रोड पर वर्तमान केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह, केंद्रीय मंत्री सुरेश प्रभु और केंद्रीय मंत्री उमा भारती जैसे बड़े नेताओं के सरकारी आवास भी मौजूद हैं।

पुलिस ने अज्ञात लोगों को खोजना चालू कर दिया है। पुलिस का कहना है कि जिन लोगों ने यह किया है उन्हें जल्द ही पकड़ लिया जाएगा और उनकी इस हरकत के पीछे मंशा पूछी जाएगी। खबरों के मुताबिक, बुधवार को इस तरह की तस्वीरें सामने आने के बाद बोर्ड पर लगे फ्लेक्स बोर्ड को उखाड़ दिया। जिस बोर्ड पर अकबर रोड लिखा गया था, उसी के ऊपर महाराणा प्रताप रोड लिखे एक फ्लेक्स बोर्ड को चिपका दिया गया था। बता दें कि 2015 में दिल्ली की औरंगजेब रोड का नाम नई दिल्ली म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन (एनडीएमसी) द्वारा बदल दिया गया था। इस रोड का नाम भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर कलाम रोड रखा गया था।

बता दें कि दिल्ली में अकबर रोड पर ही कांग्रेस का कार्यालय भी है। अकबर रोड के साइनबोर्ड पर महाराणा प्रताप का पोस्टर चिपकाने का मामला सामने आने के बाद दिल्ली पुलिस सक्रिय हो गई है। घटनास्थल पर पहुंचकर अधिकारियों ने पोस्टर को हटवा दिया है। अधिकारियों का कहना है कि यह किसी शरारती तत्व ने किया है।

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